नई दिल्ली. भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह पर बुधवार को लोकसभा के विशेष सत्र के दौरान पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सदन को संबोधित किया. पहले पीएम मोदी ने इस अवसर पर अपनी बात रखी. उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संबोधन के दौरान संघ पर इशारों-इशारों में जमकर हमला बोला.
सोनिया गांधी ने कहा कि आज जब हम शहीदों को नमन कर रहे हैं तो हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि उस वक्त कुछ ऐसे लोग और संगठन ऐसे भी थे जिसने आंदोलन की आजादी का विरोध किया था. साथ ही उन्होंने कहा कि इन लोगों और संगोठनों का कोई देश की आजादी में कोई योगदान नहीं था.
सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी के योगदानों और भारत छोडो आंदोलन को याद करते हुए कहा कि गांधी जी सांप्रदायिक्ता के खिलाफ थे. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भारत का दमन किया. आज भी हमारे बीच कुछ दमनकारी शक्तियां हैं, जिनसे हमें लड़ने की जरूरत है.
सोनिया ने कहा कि जहां उस वक्त आजादी का माहौल था, वहीं आज भय का माहौल फैल रहा है. उन्होंने कहा कि आज फिर नफरत और विभानज की राजनीति हीवी हो रही है. कुछ संकीर्ण मानसिकता वाले लोग अब राजनीति को खराब कर रहे हैं.
सोनिया गांधी ने कहा कि आज के माहौल में लगातार भय फैल रहा है. अंहकार की शक्तियां फिर से हमारे बीच फैल रही हैं. उन्होंने उस वक्त को याद करते हुए कहा कि नेहरू ने जेल में सबसे लंबा वक्त बिताया था.
बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने आज के दिन का गौरव का दिन बताया और कहा कि हमें आज राजनीति से ऊपर उठक राष्ट्रनीति की बात करनी चाहिए और भ्रष्टाचार के दीमक को मिल कर खत्म करना चाहिए. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हम करो या मरो की जगह करेंगे और विकास का काम करके ही रहेंगे.
बता दें कि 9 अगस्त 1942 को आज के ही दिन महात्मा गांधी के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन का बिगुल बजाया गया था. इस आंदोलन के पांच साल बाद भारत को पूरी तरह से आजादी मिल गई थी.