नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जे को चुनौती देने वाली याचिका को सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.
याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत ये एक अस्थाई व्यवस्था थी. विजय लक्ष्मी झा की तरफ से जारी याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रपति के आदेश भर से इस अनुच्छेद को खत्म किया जा सकता है. इसके लिए जम्मू और कश्मीर की संविधान सभा के पुर्नगठन की जरूरत नहीं है.
इससे पहले देश में समय-समय पर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले इस अनुच्छेद को खत्म किए जाने की मांग उठती रही है. हालांकि जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दल इस मांग का पुरजोर विरोध करते रहे हैं.
राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी चेतावनी देते हुए कह चुकी हैं कि यदि राज्य को मिले विशेषाधिकारों में छेड़छाड़ की गई तो वहां कोई तिरंगा थामने वाला भी नहीं होगा. नेशनल कॉन्फ्रेंस सुप्रीमो फारुक अब्दुल्ला भी कह चुके हैं कि राज्य को मिले विशेषाधिकारों के साथ छेड़-छाड़ की स्थिति में जनविद्रोह की स्थिति पैदा हो जाएगी.
बता दें कि आर्टिकल 370 के तहत जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है. जिसके तहत राज्य के स्थायी नागरिक ही जम्मू-कश्मीर में ज़मीन खरीद सकते हैं जबकि दूसरे राज्य के लोग वहां ज़मीन नहीं खरीद सकते. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को यह धारा दो नागरिकता प्रदान करती है, कश्मीरी और हिंदुस्तानी.