Supreme Court Rafale Deal Hearing: राफेल सौदे की पुनर्विचार याचिका पर नरेंद्र मोदी सरकार को झटका, दस्तावेजों को देखेगा सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court Rafale Deal Hearing: सुप्रीम कोर्ट आज राफेल मामले से जुड़ी पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुनाया. राफेल सौदे की पुनर्विचार याचिका पर नरेंद्र मोदी सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दस्तावेजों को देखा जाएगा.

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Supreme Court Rafale Deal Hearing: राफेल सौदे की पुनर्विचार याचिका पर नरेंद्र मोदी सरकार को झटका, दस्तावेजों को देखेगा सुप्रीम कोर्ट

Aanchal Pandey

  • April 10, 2019 10:48 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. बुधवार को राफेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला. सरकार की आपत्ति को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट बुधवार को राफेल मामले में नरेंद्र मोदी सरकार की उन शुरुआती आपत्तियों पर फैसला सुनाया. जिसमें कहा गया है कि डील से जुड़े विशेषाधिकार दस्तावेजों पर उसका अधिकार है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट डील से जुड़े दस्तावेजों को देखेगा. सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से लीक हुए दस्तावेजों की वैधता को मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे में तीन दस्तावेजों को स्वीकार करने की अनुमति दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में पुनर्विचार याचिकाओं पर विस्तार से सुनवाई करेगें.

बता दें सरकार ने कहा था कि जो दस्तावेज तीनों याचिकाकर्ताओं ने अपनी समीक्षा अर्जी में शामिल किए हैं, उन पर केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है और इन दस्तावेजों को याचिका से हटा देना चाहिए. सरकार ने यह भी कहा कि असली दस्तावेजों की फोटोकॉपी अनधिकृत तरीके से बनाई गई और इसकी जांच की जा रही है. सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि कोई भी नेशनल सिक्योरिटी से जुड़े दस्तावेज पब्लिश नहीं कर सकता क्योंकि देश की सुरक्षा सबसे पहले है. सुप्रीम कोर्ट बुधवार को दो फैसले सुनाएगा. पहला फैसला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सुनाएंगे और दूसरा फैसला जस्टिस केएम जोसेफ.

सरकार ने कोर्ट से भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण की ओर से राफेल मामले में अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली याचिका को खारिज करने की मांग की थी. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने पिछली सुनवाई में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

वहीं सरकार के विरोध में प्रशांत भूषण ने दलील दी कि राफेल के जिन डॉक्युमेंट्स पर सरकार विशेषाधिकार का दावा कर रही है, वे पब्लिश हो चुके हैं और पब्लिक डोमेन में हैं. उन्होंने कहा कि आरटीआई कानून के मुताबिक जनहित बाकी चीजों से सबसे ऊपर हैं और खुफिया एजेंसियों से जुड़े दस्तावेजों पर कोई भी विशेषाधिकार का दावा नहीं कर सकता.

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि अगर वह सत्ता में आई तो वह एनडीए सरकार द्वारा फ्रांस के दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल विमानों के सौदे की जांच कराएगी. पार्टी ने कहा कि वह सत्ता में आने के बाद पहले ही दिन राफेल डील के जांच के आदेश देगी. इसके अलावा विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों ने किन हालात में भारत छोड़ा और उनकी किसने भागने में मदद की, इसकी भी जांच कराई जाएगी.

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