नई दिल्ली: कालाधन वापस लाने की दिशा में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक स्विट्जरलैंड सरकार ने अपने यहां बैंकों में भारतीयों के बैंक अकाउंट संबंधी जानकारी देने को तैयार हो रही है.
इसके लिए स्विट्जरलैंड सरकार ने उस फैक्ट का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है जिसके तहत वहां जमा होने वाली ब्लैकमनी की जानकारी भारत सरकार को मिल सकेगी. स्विस सरकार ने कहा कि फैक्ट में शामिल होने के लिहाज से भारत सरकार के डाटा सिक्युरिटी और गोपनीयता कानून काफी हैं. इसके साथ-साथ स्विस सरकार ने यूएस टैक्स अथॉरिटी और इंटरनल रेवेन्यू सर्विस को भी संज्ञान में लिया है.
बता दें कि स्विट्जरलैंड ने भारत समेत 40 अन्य देशों के साथ वित्तीय खातों, संदिग्ध काले धन की सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था को इस साल जून में मंजूरी दे दी थी. उसने कालेधन की सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए गोपनीयता की शर्त रखी है. बताया जा रहा है कि अमेरिका समेत कई यूरोपी और एशियाई देश भी इस फैक्ट का हिस्सा हैं. मीडिया सूत्रों के अनुसार पैक्ट 2018 में लागू होना है, जिसके बाद 2019 से भारत को ब्लैकमनी संबंधित डाटा मिलने लगेगा.
स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा रकम आधी हो गई
स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा रकम लगभग आधी हो गई है. साल 2016 में स्विस बैंक में जमा रकम तकरीबन 4500 करोड़ रुपए हो गई है. स्विट्जलैंड की केंद्रीय बैंकिंग अथॉरिटी स्विस नेशनल बैंक की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारतीयों की ओर से जमा की गई राशि 2016 के अंत में 665 मिलियन स्विस फ्रैंक थी.