पटना: बिहार के स्कूलों में बने शौचालय के साफ-सफाई की जिम्मेदारी अब छात्रों के कंधों पर रहेगी. गंदा होने पर शौचालय की सफाई बच्चों से ही करवाई जाएगी. इसके लिए किसी सफाईकर्मी की सहायता नहीं ली जाएगी. राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा ने कि स्लूक के शौचालय की सफाई अब स्कूल के बच्चे ही करेंगे.
इसके लिए अलग से किसी व्यक्ति को नहीं रखा जाएगा. मुख्य सचिव ने आगे कहा कि शिक्षा विभाग की समीक्षा के बाद यह तय हुए है कि अब पोस्ट मैट्रिक के स्कॉलरशिप का भुगतान बैंकों की बजाय सरकार खुद सोसायटी बना कर करेगी. बैंकों की आनाकानी के बाद सोसायटी व्यास्था लागू करने का फैसला लिया गया है.
यह व्यवस्था लागू होने के बाद सोसायटी के लोग सरकार से मिले स्कॉलरशिप को बच्चों तक पहुंचाएंगे. हालांकि जब तक यह नई स्कीम लागू नहीं हो जाती तब तक बैंक से पैसे मिलते रहेंगे. इसके साथ ही राज्य में 1 हजार स्कूलों के लिए नई बिल्डिंगे बनाई जाएंगी. जिसका सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
मुख्य सचिव ने कहा कि हिंदुस्तान पेपर कंपनी बंद हो जाने के कारण प्राइमरी स्कूल के बच्चों को इस साल किताबें देर से मिलेंगी. विद्यालय के सर्वेक्षण का काम जीविका की दिदियां कर रही हैं. अब तक 17566 स्कूलों का इंस्पेक्शन किया गया जिसके असर ये हुआ कि स्कूलों में 10 प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ गई है.