Gudi Padwa 2019 Date: कब, कहां और क्यों मनाया जाता है गुड़ी पड़वा, जानें

Gudi Padwa 2019 Date: देशभर में 6 अप्रैल को हिंदू नए साल के उत्सव मनाए जाएंगे. भारत में अलग-अलग जगहों पर हिंदू नव वर्ष को अलग-अलग नाम से बुलाया जाता है. चैत्र महीने की शुक्ल प्रतिपदा ही हिंदू नव वर्ष की शुरूआत है. इसे कई इलाकों में गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है. जानें इससे जुड़ी खास बातें.

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Gudi Padwa 2019 Date: कब, कहां और क्यों मनाया जाता है गुड़ी पड़वा, जानें

Aanchal Pandey

  • April 4, 2019 1:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. Gudi Padwa 2019 Date: हिंदू नए साल का आगाज होने वाला है. 6 अप्रैल यानि चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा हिंदू नए साल का पहला दिन है. इसी के साथ देशभर में इसका उत्सव भी मनाया जाएगा. लेकिन खास बात ये है कि देशभर में मनाए जाने वाले इस त्योहार को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से बुलाते हैं. जहां उत्तर में इसे नवरात्र कहा जाता है तो कई इलाकों में इसे गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है. मुख्य रूप से इसे महाराष्ट्र में मनाया जाता है. वहां भी इसे हिन्दू नववर्ष के शुभारंभ की खुशी में ही मनाते हैं.

Gudi Padwa 2019 Date: जानें गुड़ी पड़वा से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें
– गुड़ी पड़वा हिंदू नए साल के आगाज पर मनाया जाता है. ये चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है.
– ये मुख्य रूप से महाराष्ट्र का त्योहार है. इस मराठी त्योहार गुड़ी पड़वा के शब्द गुड़ी का मतलब है विजय पताका और पड़वा का मतलब है प्रतिपदा.
– गुड़ी पड़वा के दिन हर मराठी घर में गुड़ी सजाई जाती है जिसे विजय का प्रतीक माना जाता है.
– मराठी मान्यता के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को शालिवाहन नाम के एक कुम्हार-पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से अपने शत्रुओं पर विजय पाई थी.
– साथ ही देशभर में इसे नए साल के रूप में मनाते हैं क्योंकि ऐसा मानना है कि इसी दिन से ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. इसी दिन से सतयुग शुरु हुआ था.
– माना जाता है कि सृष्टि की रचना के बाद इसी दिन पर कई चीजें हुईं. जैसे की इसी दिन प्रभु श्रीराम ने बालि का वध कर दक्षिण भारत में रहने वाले लोगों को उसके आतंक से मुक्त करवाया था. माना जाता है कि इसलिए वहां के लोग गुड़ी के रूप में अपने घर में विजय पताका फहराते हैं.
– ऐसे ही माना जाता है कि आदिशक्ति ने इसी दिन अपने नौ रूप दिखाए थे. इसलिए इस दिन से नवरात्र आरंभ होता है और नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है.
– उत्तर में इस दिन से लोग व्रत रखते हैं तो दक्षिण में प्रसाद बांटा जाता है. महाराष्ट्र में इस दिन मिठाई पूरन पोली बनती है.

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