Chaitra Navratri 2019 2nd Day Puja: नवरात्र के नौ दिन अलग-अलग देवीओं की पूजा की जाती है. नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. उनकी पूजा करने की विधि और मंत्र भी अलग है. जानें कैसे करें देवी की आराधना और किस मंत्र का करें जाप.
नई दिल्ली. Chaitra Navratri 2019 2nd Day Puja नवरात्रि के दूसरे दिन, देवी ब्रह्मचारिणी की अराधना विस्तृत पूजा के साथ की जाती है. ब्रह्मचारिणी ज्ञान से भरी युवती के रूप में प्रकट होती हैं. उनके हाथ में एक माला और कमंडल होता है. वो भक्तों को अनंत ज्ञान और आनंद प्रदान करती हैं. ब्रह्मचारिणी शब्द का अर्थ है अविवाहित और युवा. ब्रह्मचारिणी का सौम्य और शांत रूप मन में शांति लाता है और लोगों में आत्मविश्वास जगाता है.
मां ब्रह्मचारिणी की कहानी
देवी ने कुष्मांडा का रूप धारण करने के बाद ब्रह्मचारिणी का अवतार लिया था. पार्वती ने दक्ष प्रजापति के घर जन्म लिया जिन्होंने भगवान शिव की अवमानना की. उन्हीं के प्रथम स्वरूप को ब्रह्मचारिणी के रूप में पूजा जाता है. देवी ने अपने अगले जन्म में भगवान शिव का सम्मान करने वाले एक अच्छा पिता पाने के लिए गंभीर तपस्या की. वह नंगे पांव चली और शादी में भगवान शिव को पाने के लिए कई हजारों साल तक तपस्या की. वह फूलों और फलों पर रहती थी और बाद में केवल पत्तियों पर अंत में वो भी छोड़ देती थी केवल हवा पर जीवीत रहती थी. इसलिए, ब्रह्मचारिणी को अपर्णा भी कहा जाता था (जो पत्तों के बिना भी रहती थी).
मां ब्रह्मचारिणी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह की शासक हैं. वह सभी भाग्य की दाता हैं और वह अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करती है. मंगल दोष और कुंडली में मंगल की प्रतिकूल स्थिति से उत्पन्न समस्याओं को दूर करने के लिए उनकी पूजा की जाती है.
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी पूजा
मां ब्रह्मचारिणी का पसंदीदा फूल चमेली है. इसलिए, दूसरे दिन नवरात्रि पूजा चमेली के फूलों से करें और सबसे करुणामयी माता का आशीर्वाद पाएं. मां ब्रह्मचारिणी के दिव्य रूप पर ध्यान दें और पूजा समाप्त करने के लिए आरती के बाद सोलह प्रकार के प्रसादों का भोग लगाएं.
दूसरे दिन नवरात्रि पूजा का महत्व
ब्रह्मचारिणी की पूजा एक गंभीर तपस्या के बराबर है. ये भक्तों को त्याग, सद्गुण और कुलीनता के मूल्य देता है. प्रगति और सफलता की बाधाएं दूर हो जाती हैं और परिवार को उनकी सभी गतिविधियों में मानसिक शांति और संतुष्टि का अनुभव होता है. नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करें और अपनी प्रगति में आने वाली बाधाओं को दूर करें.
चैत्र नवरात्र 2019 घटस्थापना समय और शुभ मुहूर्त:
घटस्थापना मुहूर्त- 06:32 सुबह से 10:38 सुबह
समय अवधि- 4 घंटे 5 मिनट
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि और वैधृति योग में पड़ेगा.
प्रतिपदा तिथि की शुरुआत- 5 अप्रैल 2019 को दोपहर 14:20 बजे से
प्रतिपदा तिथि खत्म- 6 अप्रैल 2019 को दोपहर 15:23 बजे तक
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