Johnson And Johnson Baby Shampoo: अगर आप अपने बच्चों को जॉनसन एंड जॉनसन बेबी शैम्पू से नहलाते हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि राजस्थान में इन प्रोडक्ट की क्वॉलिटी टेस्ट में इसके अंदर कैसर पैदा करने वाला केमिकल फॉर्मल्डिहाइड मिला है. अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सभी राज्यों में जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू के क्वॉलिटी टेस्ट के आदेश दिए हैं. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी.
नई दिल्लीः अमेरिकी की जानी-मानी बेबी प्रॉडक्ट बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन एक बार फिर विवादों में फंस गई है. भारत समेत अन्य कई देशों में लंबे समय से विवाद का सामना कर रहे जॉनसन एंड जॉनसन का एक और प्रोडक्ट बेबी शैम्पू राजस्थान में क्वॉलिटी टेस्ट में फेल हो गया है और इसमें कैंसर पैदा करने वाला केमिकल फॉर्मल्डिहाइट मिला है. राजस्थान के ड्रग कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने लोगों की शिकायत के बाद जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू की जांच की थी.
राजस्थान के ड्रग कंट्रोलर की रिपोर्ट के बाद अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सभी राज्यों में जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू के क्वॉलिटी टेस्ट के आदेश दिए हैं. अधिकारियों का कहना है कि सभी राज्यों से रिपोर्ट आने के बाद कंपनी पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मालूम हो कि इससे पहले भी जॉनसन एंड जॉनसन के कई प्रोडक्ट्स को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया जा चुका है और इसमें कैसरकारी तत्वों के होने की बात सामने आई है. विदेशों में तो जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है और कंपनी को करोड़ों जुर्माना भरना पड़ा है.
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जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू में कैंसरस केमिकल मिलने के बाद राजस्थान के ड्रग कंट्रोलर ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अपील की थी वे बेबी शैम्पू के स्टॉक्स प्रतिबंधित करें और इस प्रॉडक्ट को मार्केट से हटाने का आदेश दें.
उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले भी राजस्थान के ड्रग कंट्रोलर ने जॉनसन एंड जॉनसन बेबी प्रोडक्ट्स की जांच की थी जिसमें कंपनी के तरफ से बताया गया था कि बेबी प्रॉडक्ट्स में कुछ भी हानिकारक नहीं है. लेकिन बीते दिनों जब राजस्थान के ड्रग कंट्रोलर राजा राम शर्मा ने बेबी शैम्पू के 24 बोतलों की जांच की तो उन्हें इसमें फॉर्मल्डिहाइड मिला. यहां बता दूं कि फॉर्मल्डिहाइड एक ऐसा केमिकल है जिससे कैसर पैदा होने का खतरा होता है.
पिछले महीने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को नोटिस भेजा था और स्पष्टीकरण मांगा था कि उसने वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन क्यों किया और अपने बेबी पाउडर पर सरकार की लेबोरेटरी टेस्ट रिपोर्ट का हवाला देते हुए विज्ञापन जारी क्यों किया?
पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट ने अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को उस मामले में अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था जिसमें कंपनी ने केंद्र की तरफ से मंजूर उस फॉम्युले को चुनौती दी थी जिसमें घटिया हिप इंप्लांट के शिकार हुए मरीजों को मुआवजा देने की बात कही गई थी.