पटना: महागठबंधन टूटने के बाद बीजेपी-जेडीयू के गठबंधन से बनी नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी नाराज हैं. उन्होंने गुस्से में दिल्ली आवास पर डेरा डाल लिया है. गुस्साए मांझी ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर करारा हमला बोला है.
मांझी ने कहा है कि पासवान की राजनीतिक भूख अभी गई नहीं है. मांझी ने कहा कि पासवान पूरे परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचकर मंत्री पद की मांग की. क्या अब यही राजनीति रह गई है. बता दें कि रामविलास पासवान के भाई पशुपतिनाथ पारस को मंत्री पद मिलने से जीतन राम मांझी ज्यादा नाराज हैं. पशुपति पारस फिलहाल वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी हिन्दुस्तान आवामा मोर्चा बीजेपी की सहयोगी पार्टी है. क्या अब हमारी हैसियत रामविलास पासवान से भी कम है. जीतनराम मांझी की पार्टी का केवल एक विधायक है. मांझी ने अपनी पार्टी से तीन लोगों के नाम भेजे थे लेकिन किसी की भी बात नहीं बनी. इस बात को लेकर मांझी ने अपनी नारजगी एनडीए के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा दी है.
जानकारी के मुताबिक जेडीयू से नित्यानंद राय और नंद किशोर यादव जीतन राम मांझी के पास मंत्री बनने का प्रस्ताव लेकर गए थे लेकिन उन्हें खुद मंत्री बनने से इनकार कर दिया और गैर विधायक कोटा से अपना एक मंत्री बनाने की मांग की जिसे नीतीश कुमार ने खारिज कर दिया.
नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 27 मंत्रियों का शपथ ग्रहण हो चुका है. जेडीयू के कोटे से 14 जबकि बीजेपी के कोटे से 11 मंत्रियों ने शपथ ली. एलजेपी कोटे से रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस मंत्री बने. वहीं मंत्रिमंडल के विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखा गया. सवर्णों के साथ ही पिछड़ों, दलितों, अतिपिछड़ों को जगह दी गई है. मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला मंत्री मंजू वर्मा हैं, साथ ही एकमात्र मुस्लिम मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद हैं.