पटना. आरजेडी के सबसे बड़े दल होने के बावजूद दूसरी बड़ी पार्टी जेडीयू के नेता नीतीश कुमार को सरकार बनाने का पहला न्योता मिलने के खिलाफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव आधी रात को राजभवन पहुंचे लेकिन राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने उन्हें दो टूक कह दिया कि आप लेट हैं और अब शपथ ग्रहण का न्योता दिया जा चुका है.
राज्यपाल से तकरीबन रात 2 बजे मिलने निकले तेजस्वी के साथ उनके भाई तेज प्रताप यादव के अलावा आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दिकी भी थे. राज्यपाल ने पांच नेताओं को मिलने के लिए अंदर बुलाया जहां करीब आधे घंटे तक बातचीत के बाद आरजेडी के नेता बाहर आए.
राजभवन से बाहर निकलने के बाद तेजस्वी यादव मीडिया से मुखातिब हुए और उनके बयान का सार संक्षेप यही था कि राज्यपाल ने उनकी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता देने से मना कर दिया है जिसके खिलाफ अब वो सड़क पर उतरेंगे, जनता के बीच जाएंगे.
तेजस्वी ने मीडिया के सामने एक स्लोगन दिया, “तेजस्वी तो बहाना था, बीजेपी के साथ जाना था” जिसका सीधा मतलब ये है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जाने का बहाना खोज रहे थे और उन पर सीबीआई के एफआईआर से नीतीश को वो मौका मिल गया.
तेजस्वी के मुताबिक राज्यपाल ने उनसे कहा कि वो लेट हो गए हैं और अब नीतीश कुमार को सरकार बनाने का न्योता दिया जा चुका है इसलिए इसमें कुछ किया नहीं जा सकता.
तेजस्वी ने इसके बाद राज्यपाल से कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते आरजेडी को सरकार बनाने का मौका पहले मिलना चाहिए और उसके विफल होने पर ही दूसरे को मिलना चाहिए.
132 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी लेकर बीजेपी नेता सुशील मोदी के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे नीतीश कुमार के बहुमत के दावे का हवाला देते हुए केसरीना त्रिपाठी जब तेजस्वी के इस तर्क से नहीं सहमत हुए तो तेजस्वी ने उनसे पुनर्विचार करने और नीतीश को न्योता वापस लेकर आरजेडी को सरकार बनाने का मौका देने की अपील की.
तेजस्वी ने मीडिया के सामने नीतीश कुमार के द्वारा जेडीयू विधायकों को सीएम आवास में बंद रखने का मसला उठाते हुए कहा कि विधायकों को खुला छोड़ दें और फिर विधानसभा में बहुमत साबित करके दिखा दें.
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार को पता है कि जेडीयू के काफी विधायक उनके साथ नहीं है इसलिए वो आधी रात में सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे हैं.
तेजस्वी ने राज्यपाल के द्वारा शपथ ग्रहण का समय पहले शाम 5 बजे तय करने और बाद में उसे सुबह 10 बजे करने के फैसले पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें सुबह 11 बजे मिलने का समय दिया था लेकिन 10 बजे शपथ ग्रहण का समय रख दिया गया.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार की 12 करोड़ जनता उनके साथ है और वो जनता के बीच संविधान की हत्या का ये मामला उठाएंगे. उन्होंने कहा कि देश के युवाओं में राजनीति में आने की जो इच्छा जग रही थी, उनके साथ हुई साजिश से करोड़ों युवाओं का दिल टूट गया है.
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार पर हत्या और आर्म्स एक्ट का केस है जिसमें हाईकोर्ट में केस चल रहा है. एफआईआर के आधार पर अगर वो मेरा इस्तीफा मांग रहे थे तो उनको अपने ऊपर दर्ज केस के लिए भी तो इस्तीफा देना चाहिए. उनको जनता को बताना चाहिए कि वो किस नैतिकता से पद पर बने हैं.
तेजस्वी ने नीतीश कुमार को चुनौती दी कि अब तो केंद्र और राज्य दोनों जगह उनके गठबंधन की सरकार है इसलिए वो ऐसा कड़ा कानून बनवाएं जिससे किसी भी आदमी पर एफआईआर के बाद उसे चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए और उसे किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं रहने दिया जाए.
तेजस्वी ने कहा है कि राज्यपाल के द्वारा सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता ना देना लोकतंत्र की हत्या है जिसके खिलाफ उनकी पार्टी गुरुवार सुबह से सड़कों पर उतरेगी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पास ये मौका था कि वो साबित करते कि वो केंद्र के एजेंट नहीं बल्कि संविधान के प्रहरी हैं जिसमें वो नाकाम रहे.