पटना. नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल सा आ गया है. बिहार की राजनीति पहले से और अधिक गरमा गई है. अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार फिर से कैसे और किसके समर्थन से सरकार बनाते हैं.
बिहार में इससे पहले राजद, जदयू और कांग्रेस मिलकर सरकार चला रही थी. तीनों को पार्टियों को मिलाकर इनकी 178 सीटें होती थीं, जबकि बहुमत के लिए 122 सीट चाहिए थीं. लेकिन अब नीतीश के इस्तीफे के बाद से स्थिति साफ होती दिख रही है कि नीतीश कुमार को बीजेपी अपना समर्थन दे सकती है और नीतीश फिर से सरकार बना सकते हैं.
बिहार विधान सभा में अभी किसके पास कितनी सीटें हैं इसे जानना होगा.
राजद : 80
जदयू : 71
कांग्रेस : 27
बीजेपी : 53
लोजपा : 2
रालोसपा : 2
सीपीआई माले : 3
हम : 1
निर्दलीय : 4
अगर बिहार विधानसभा के कुल सीटों को जोड़ दें तो ये संख्या 243 हो जाता है. मगर बहुमत के लिए बिहार में महज 122 सीटों की जरूरत है. अब अगर सरकार बनाने की संभावनाओं पर नजर डालें तो नीतीश कुमार बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने में सफल दिखाई देते हैं.
अगर बीजेपी नीतीश कुमार को समर्थन करती है तो जदयू और बीजेपी को मिलाकर कुल एमएलए की संख्या 124 हो जाती है. अगर इसमें बीजेपी के सहयोगियों को जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा 129 हो जाती है जो बहुमत से 7 अधिक है. इसलिए नीतीश कुमार के लिए सरकार बनाना इतना भी मुश्किल नहीं होगा अगर बीजेपी से उन्हें समर्थन मिल जाता है तो.
वहीं राजद और कांग्रेस की ओर से देखें तो इनके लिए सरकार बनाना थोड़ा मुश्किल नजर आता है. हालांकि, ये बात भी सही है कि राजद अभी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है और सरकार बनाने पर दावे का सबसे पहला अधिकार उसी का है. राजद और कांग्रेस के सभी एमएलए को मिला दिया जाए तो संख्या 107 होती है. मगर बहुमत साबित करने के लिए 122 संख्या की जरूरत है.
अब अगर निर्दलीय एमएलए को भी राजद और कांग्रेस मिला लें तो ये संख्या 111 होती है, जो अब भी संख्या बल से दूर है. अब देखना होगा कि नीतीश कुमार किस तरह से सरकार बनाने में सफल होते हैं.