नई दिल्ली: बिहार टॉपर घोटाले के बाद से ही बिहार की प्रतिभाओं को संदेह की नजर से देखा रहा था. मगर संघ लोक सेवा आयोग, आईआईटी और अन्य क्षेत्रों में बिहारी प्रतिभाओं ने सफलता का परचम लहरा कर ये साबित कर दिया कि बिहार की प्रतिभा सिर्फ रूबी राय और गणेश तक ही सीमित नहीं है. जब रविवार को दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में बिहार प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ तो बिहार की एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली.
वॉयस ऑफ बिहार के बैनर तले इस कार्यक्रम में बिहार के पूर्व डीजीपी ने कहा कि बिहार में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, अगर कमी है तो उसे सही समय पर उचित मार्गदर्शन की. जब आप किसी सरकारी ओहदे पर पहुंच जाते हैं तो आप सरकार का हिस्सा हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में उस समाज और परिवार को नहीं भूलना चाहिए, जहां से आप आते हैं. क्योंकि जब आप रिटायर होते हैं तो आपके पास सिर्फ समाज और परिवार ही बचता है.
कार्यक्रम में बिहार से इस साल संघ लोक सेवा आयोग में चयनित 16 प्रतिभागियों समेत अन्य क्षेत्रों जैसे संगीत, खेल साहित्य और उद्यम के क्षेत्र में बिहार का नाम रोशन करने वाले तमाम युवाओं को सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में बिहार के कोने-कोने से आए सभी प्रतिभाओं ने अपने संघर्ष और उपलब्धियों को साझा किया. साथ ही नए पौध के लिए कैसे जमीन तैयार की जाए इसके ऊपर भी बात की.
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में उपस्थित इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत ने कहा कि बिहार की गौरवशाली इतिहास और समृद्ध संस्कृति रही है. बिहार सांस्कृति संपन्नता वाला राज्य रहा है. हमें बिहारी अस्मिता के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहारी उपलब्धियों को पाने के बाद भी अपनी पहचान को छिपाते हैं और उसे बताने में शर्माते हैं. मगर दूसरे राज्यों के लोग ऐसा नहीं करते. इसलिए हमें भी अपनी पहचान को पुरजोर तरीके से प्रदर्शित करना चाहिए.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक और समाजसेवी डॉ बिंदेश्वरी पाठक ने कहा कि बिहार ने सभी मामले में देश को दिशा दिखाने का काम किया है. वॉयस ऑफ बिहार के पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से राज्य के लोग एक दूसरे बेहतर तरीके से परिचित हो पाएंगे जो अपनी माटी के विकास में सहायक साबित होगा.
इस कार्यक्रम में उन लोगों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों से पढ़ाई पूरी करने और अच्छे पैकेज की नौकरी को छोड़कर अपनी माटी के लिए जमीनी स्तर पर काम करने का फैसला लिया. इनमें आईआईटी दिल्ली से पढ़े और सबसे कम उम्र में अशोका फेलोशिप प्राप्त करने वाले शशांक और अन्य लोग शामिल थे.
कार्यक्रम में कलर्स चैनल के द राइजिंग स्टार की उपविजेता रहीं मैथिली ठाकुर, प्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा की बेटी वंदना सिन्हा और जूनियर हॉकी टीम को विश्व कप जिताने वाले कोच हरिंदर सिंह को भी सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार मनीष ठाकुर और वरिष्ठ अधिवक्ता मुरारी तिवारी भी मौजूद थे.
कार्यक्रम का संचालन सूर्यभान ने किया. साथ ही इस कार्यक्रम में बिहार के कोने कोने से आये सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापन वॉयस ऑफ बिहार के संस्थापक ब्रजेश कुमार ने किया.