नई दिल्ली : देश के जाने माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक और ISRO के पूर्व अध्यक्ष यू. आर. राव का बेंगलुर स्थित उनके आवास पर तड़के (2.30 बजे) निधन हो गया, राव 85 साल के थे. इसरो और अंतरिक्ष के क्षेत्र में राव का अतुलनीय योगदान रहा है. पीएम मोदी ने राव के निधन पर शोक प्रकट करते हुए इसे देश के लिए बड़ी क्षति बताया है.
85 साल के वैज्ञानिक राव ने सुबह 2.30 बजे अंतिम सांस ली. उन्हें इसी साल दिल की बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तभी से उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी.
राव पिछले कई सालों से विदेशी यूनिवर्सिटी समेत कई संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर कार्य कर रहे थे. उन्होंने 10 से ज्यादा इंटरनेशनल अवॉर्ड और कई नेशनल अवॉर्ड जीते थे. राव फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन और तिरुअनंतपुरम स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में चांसलर भी थे.
राव ने मेसेच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में भी काम किया था. मई 2016 में वह पहले भारतीय हो गए जिन्हें इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन की ओर से हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
प्रोफेसर राव ने 1984 से 1994 के बीच इसरो अध्यक्ष का पदभार संभाला था. भारत के प्रथम उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ के प्रक्षेपण में उनका महत्वपूर्ण योगदान था. उन्होंने भारत के लिए आर्यभट्ट से लेकर मॉम यानी मार्स ऑर्बिट मिशन के लिए लगातार काम किया.