Priyadarshini to Contest from Gwalior: कांग्रेस जिला कमिटी ने प्रस्ताव पास किया है कि इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को ग्वालियर से टिकट देने की मांग की है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास फिलहाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार है.
भोपाल. कांग्रेस जिला कमिटी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को ग्वालियर लोकसभा सीट से उतारने का प्रस्ताव पास किया है. अटकलें थीं कि सिंधिया ग्वालियर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं अगर उनकी पत्नी गुना-शिवपुरी सीट से लड़ती हैं. ज्योतिरादित्य साल 2002 से गुना क्षेत्र से सांसद हैं. यह सीट उनकी दादी विजय राजे सिंधिया और पिता माधवराव सिंधिया की थी.
प्रियदर्शनी राजे (44) संग्रामसिंह गायकवाड़ की बेटी हैं और बड़ौदा शाही खानदान से ताल्लुक रखती हैं. स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं की मांग है कि कांग्रेस आलाकमान प्रियदर्शनी को ग्वालियर या गुना से टिकट दे.
इससे पहले फरवरी में भी इसी तरह का प्रस्ताव पास किया गया था, जिसमें मध्य प्रदेश कांग्रेस ने प्रियदर्शनी को गुना सीट से उतारने की मांग की गई थी. यह सीट 1999 से कांग्रेस के पास है. ज्योतिरादित्य सिंधिया को राहुल गांधी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाने के अलावा कांग्रेस महासचिव बनाया है. लिहाजा कार्यकर्ता प्रियदर्शनी को राजनीति में देखना चाहते हैं.
लोकसभा 2019 चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में होंगे. नतीजों का ऐलान 23 मई को होगा. लोकसभा चुनाव के अलावा आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव होंगे. इस बीच कांग्रेस के राज्य मीडिया इंचार्ज लोकेंद्र पराशर ने कहा कि भाजपा गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से मजबूत उम्मीदवार खड़ा करेगी, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को मात दे सके. उन्होंने आगे कहा, चुनाव सिंधिया के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि उन्होंने पिछले 15 वर्षों में गुना, अशोकनगर और शिवपुरी के लिए कुछ नहीं किया.
बीजेपी ने उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट शनिवार को जारी की थी, जिसमें मध्य प्रदेश की 15 सीट थीं. पार्टी ने पुराने चेहरों को ही टिकट दिया है. लेकिन इस बार भाजपा ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को ग्वालियर की जगह मुरैना से टिकट दिया है. 2009 में भी तोमर मुरैना से सांसद रह चुके हैं. गुना विधानसभा चुनाव के नतीजे काफी चौंकाने वाले थे. जहां कांग्रेस को पूरे राज्य में सीटों पर बढ़त मिली और राज्य में सरकार बनाई. वहीं सिंधिया के गढ़ में बीजेपी ने 8 विधानसभा सीटों में से 3 पर जीत हासिल की थी.