खाट पर शव ढोने को ग्रामीण मजबूर, प्रशासन की नहीं टूटी नींद

इंसानियत एक बार फिर शर्मसार हुई है.मध्यप्रदेश के शिवहोर में हैवानियत ने इंसानियत को ठेंगा दिखाते हुए मानवता को कलंकित किया है.

Advertisement
खाट पर शव ढोने को ग्रामीण मजबूर, प्रशासन की नहीं टूटी नींद

Admin

  • July 21, 2017 6:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
भोपाल: इंसानियत एक बार फिर शर्मसार हुई है.मध्यप्रदेश के शिवहोर में हैवानियत ने इंसानियत को ठेंगा दिखाते हुए मानवता को कलंकित किया है. जानकारी के मुताबिक सिद्धिगंज के गांव बरखेड़ी में एक ग्रामिण की आकाशी बिजली गिरने से मौत हो गई थी, लेकिन घटना के सूचना के कई घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची, जिसे लोगों को शव को खाट पर ही ले जाना पड़ा.
 
ग्रामिणों का कहना हैं कि एंबुलेंस सहित कई जगहों पर सूचना दी गई लेकिन घंटों बाद भी कोई मौके पर नहीं पहुंचा. गुस्साए लोगों ने शव को रात में खटिया पर लेकर करीब 20 किलो मीटर तक पैदल चले लेकिन प्रशासन की नींद तक नहीं खुली. बात दें कि ऐसा मामला कोई पहली बार नहीं है, इसे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए थी जहां पर प्रशासन की लापरवाही साफ देखी जा सकती है.
 
 छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव में एक परिवार को अपनी बच्ची का शव ठेले पर ले जाना पड़ा था. परिवार वालों ने शव ले जाने के लिए शव वाहन मांगे तो अस्पताल ने पहले देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद नाराज परिजनों ने ठेला पर शव लेकर जाने को मजबूर हो गए. 
 

Tags

Advertisement