आधार केस: निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं? 9 जजों की बेंच करेगी फैसला

निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों में शामिल है या नहीं, इल बात का फैसला अब सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधिक खंडपीठ करेगी. पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने मामले को 9 जजों की बेंच के पास ट्रांसफर कर दिया.

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आधार केस: निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं? 9 जजों की बेंच करेगी फैसला

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  • July 18, 2017 10:12 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों में शामिल है या नहीं, इल बात का फैसला अब सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधिक खंडपीठ करेगी. पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने मामले को 9 जजों की बेंच के पास ट्रांसफर कर दिया.
 
अब इस मामले पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता में 9 जजों की खंडपीठ बुधवार से इस मामले पर सुनवाई करेगी. इससे पहले मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह तय करना जरूरी है कि संविधान के तहत निजता के अधिकार में क्या शामिल है और क्या नहीं. इसलिए इस मामले को 9 सदस्यों वाली पीठ के पास भेजा जाना चाहिए. 
 
 
गौरतलब है कि 1954 में 8 जजों की बेंच ने और फिर 1962 में 6 जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया था कि निजता का अधिकार मूलभूत अधिकार नहीं है. इन्हीं फैसलों के आधार पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि मूलभूत अधिकारों के नाम पर आधार कार्ड को चुनौती देनी वाली किसी भी जनहित याचिका दाखिल नहीं होनी चाहिए. 
 

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