लखनऊ. उतर प्रदेश प्रशासन में ‘एक जाति विशेष के लोगों के वर्चस्व’ संबंधी राज्यपाल राम नाईक के हालिया बयान को लेकर समाजवादी पार्टी ने आज उनको निशाने पर लिया और कहा कि वह इस संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं. सपा और राज्यपाल के बीच अब ये टकराव बढ़ता ही जा रहा […]
लखनऊ. उतर प्रदेश प्रशासन में ‘एक जाति विशेष के लोगों के वर्चस्व’ संबंधी राज्यपाल राम नाईक के हालिया बयान को लेकर समाजवादी पार्टी ने आज उनको निशाने पर लिया और कहा कि वह इस संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं. सपा और राज्यपाल के बीच अब ये टकराव बढ़ता ही जा रहा है और सपा ने केंद्र को पत्र लिखकर नाईक को पद से हटाने की मांग भी की है.
बीजेपी समेत विपक्षी दलों का आरोप है कि सपा सरकार में एक जाति विशेष के लोगों को ही बढ़ावा दिया जा रहा है. दरअसल राज्यपाल ने भी इसी बयान को दोहराया था. जिसके बाद सपा ने उन्हें सीधे-सीधे निशाने पर ले लिया है. सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी प्रधानमंत्री से अनुरोध करती है कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को राज्यपाल पद से हटाकर 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दे, ताकि वह और बेशर्मी के साथ सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर सकें. सपा के राष्ट्रीय महासचिव की नाराजगी हाल ही में राज्यपाल के हवाले से ‘उत्तर प्रदेश प्रशासन में एक जाति विशेष के वर्चस्व से वह चिंतित है’ शीर्षक से छपी खबर को लेकर खास तौर पर थी.