नई दिल्ली: अवैध प्रवासियों के भारत में जन्म लेने वाले बच्चों की नागरिकता के मामले में असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जमात ए उलमाए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट से उन्हें भी पक्ष बनाने की मांग की है. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित इस मामले में उनको भी पक्ष बनाया जाए.
कोर्ट ने जवाब में कहा कि मामला संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है इसलिए आप उस पीठ के समक्ष अर्जी दाखिल कर पक्ष बनाने की मांग करें. दरअसल अवैध प्रवासियों के भारत में जन्म लेने वाले बच्चों की नागरिकता का मामला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है.
सुनवाई के दौरान संविधान पीठ देखेगी कि मौजूदा भारतीय कानून के तहत इन बच्चों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है या नहीं. असम में डेरा जमाए बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों के बच्चों की स्थितियों पर सुनवाई करेंगीं. इसके अलावा संविधान पीठ की बड़ी पीठ नागरिकता कानून की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता पर भी विचार करेगी.
सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस मामले में जनवरी 2016 तक असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बनाने के लिए एक समयसीमा तय करने को भी कह चुका है. उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भारत की एकता और संप्रभुता इसलिए भी खतरे में पड़ गई है क्योंकि पड़ोसी देश से बड़ी तादाद में अवैध आव्रजक आ रहे हैं, जो हमारे प्रमुख संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित कर रहे हैं.