नई दिल्ली. दुनिया की नंबर वन फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव IFFCO ने बीमा कंपनी इफको-टोक्यो जनरल इन्श्योरेंस में अपनी 23 परसेंट हिस्सेदारी का विनिवेश करके टोक्यो मरीन से 2530 करोड़ रुपए जुटाए हैं. इस कंपनी में इफको अब 51 परसेंट और टोक्यो मरीन 49 परसेंट की हिस्सेदार हो गई है.
बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 परसेंट होने के बाद इफको-टोक्यो जनरल इन्श्योरेंस में इफको ने अपनी हिस्सेदारी को 73 से घटाकर 51 परसेंट कर लिया है. इफको टोक्यो जनरल इन्श्योरेंस में पहले इफको 72.64 परसेंट, इफको की सहायक कंपनी इंडियन पोटाश लिमिटेड 1.36 परसेंट और टोक्यो मरीन 26 परसेंट की हिस्सेदार थी.
हिस्सेदारी घटी पर बहुमत हिस्सेदारी के साथ इफको का कंट्रोल बना रहेगा
इफको ने अपने 72.64 परसेंट स्टेक को कम करके 51 परसेंट कर लिया है और इफको की सहयोगी कंपनी इंडियन पोटाशल लिमिटेड ने अपनी पूरी हिस्सेदारी टोक्यो मरीन को सौंप दी है. टोक्यो मरीन को ये 23 परसेंट हिस्सेदारी हासिल करने के लिए इफको को 2380.40 करोड़ और इंडियन पोटाश लिमिटेड को 408.43 करोड़ रुपए देने पड़े.
भारतीय बीमा सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने के बाद वर्ष 2000 में इफको और जापानी कंपनी टोक्यो मरीन ने मिलकर 74 और 26 परसेंट की हिस्सेदारी अनुपात के साथ इफको टोक्यो जनरल इन्श्योरेंस की शुरुआत की थी. हाल ही में सरकार ने बीमा सेक्टर में एफडीआई लिमिट को 26 परसेंट से बढ़ाकर 49 परसेंट कर दिया है.
इफको मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इफको के एमडी यूएस अवस्थी और टोक्यो मरीन एशिया के मुख्य कार्यकारी आर्थर ली ने इसका ऐलान किया. इस मौके पर इफको टोक्यो के चेयरमैन के श्रीनिवास गौड़ा भी मौजूद थे.
इफको के एमडी अवस्थी ने कहा कि विनिवेश से मिले पैसे का इस्तेमाल भारतीय किसानों के हित में कृषि कारोबार बढ़ाने में बतौर पूंजी किया जाएगा. अवस्थी ने कहा कि मौजूदा कानून और इरडा के प्रावधानों के तहत इफको टोक्यो पर इफको का नियंत्रण बना रहेगा.