नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने IIT-JEE संयुक्त प्रवेश परीक्षा के तहत होने वाले दाखिलों और काउंसिलिंग पर रोक लगा दी है. सभी अभ्यार्थियों को ग्रेस अंको को दिए जाने को लेकर दी गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी में काउंसलिंग और दाखिले के संबंध में दायर होने वाली किसी भी रिट याचिका को आज से स्वीकार करने पर सभी उच्च न्यायालयों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
बता दें कि आईआईटी ने कैमिस्ट्री के एक गलत सवाल के लिए 3 ग्रेस अंक और गणित के एक गलत सवाल के लिए 4 ग्रेस अंक दिए हैं जो सभी को दिए गए हैं. जिसके बाद तमिलनाडू के वेल्लोर इलाके के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में ग्रेस अंक को चुनौती देने हुए फिर से मेरिट लिस्ट तैयार करने की मांग की है.
याचिका में कहा गया है कि इसमें उन छात्रों को भी ग्रेस अंक दिए हैं जबकि उन लोगों ने उन सवालों को हल करने की कोशिश भी नहीं की है. जबकि ग्रेस एंक उनको मिलना चाहिए जिन्होंने इस सवालों को छोड़ने की बजाए हल करने की कोशिश की है. छात्र का कहना है कि इन ग्रेस अंकों की वजह से मेरिट लिस्ट पर असर पड़ा है. इसलिए दोबारा मेरिट लिस्ट तैयार की जाए. अब इस मामले की सुनवाई 10 जुलाई को होगी.
आईआईटी ने रखा ये पक्ष
मामले की सुनवाई के दौरान आईआईटी पक्ष के वकीलों ने कहा कि करीब 2.5 लाख स्टूडेंट्स की उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांचना संभव नहीं है और ऐसे में बोनस अंक देना बहुत ही प्रैक्टिकल समाधान था. आईआईटी ने कोर्ट में कहा कि अब तक 30 हजार छात्रों को एडमिशन हो चुका है इसके बाद अब मेरिट लिस्ट को रिवाइज करना संभव नहीं है.