चीन, तिब्बत के चुंबी घाटी में क्यों जमाना चाहता है अपने पैर ?

भारतीय सीमा पर चीन की अमर्यादित और आक्रामक गतिविधियां नयी नहीं हैं, लेकिन सिक्किम सेक्टर में हाल की घटना चौकानेवाली है. पिछले कई वर्षों से चीन भारतीय सीमा में घुसपैठ करता रहा है.

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चीन, तिब्बत के चुंबी घाटी में क्यों जमाना चाहता है अपने पैर ?

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  • July 3, 2017 1:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: भारतीय सीमा पर चीन की अमर्यादित और आक्रामक गतिविधियां नयी नहीं हैं, लेकिन सिक्किम सेक्टर में हाल की घटना चौकानेवाली है. पिछले कई वर्षों से चीन भारतीय सीमा में घुसपैठ करता रहा है.
 
अरुणाचल प्रदेश, (जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का नाम देता रहा है), के अलावा लद्दाख और हाल ही में उत्तरांचल में भी उसने घुसपैठ की कोशिश की है. सिक्किम से लगी भारत-चीन सीमा पर इस हरकत से चीन का चरित्र और चाल दोनों साफ हो गये है.
 
बीते 16 जून को चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी भूटान के डोकलम एरिया में घुस आयी और उसने वहां एक रोड बनाने की कोशिश की. भूटान की शाही सेना ने चीनी सैनिकों को रोकने की कोशिश की, परंतु उसे भारी मुश्किलों का सामना करना पडा. सीमा के पास तैनात भारतीय सैनिकों ने भी उन्हें रोकने की कोशिश की.
 
20 जून को भूटान ने अपने नयी दिल्ली स्थित दूतवास से चीन को आधिकारिक तौर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. भूटान ने पहले ही साफ कर दिया है कि चीन ने उसकी सीमा में घुसपैठ कर के 1988 और 1998 में दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन किया है. गौरतलब है कि चीन और भूटान में कूटनीतिक संबंध नहीं है, लेकिन दोनों देश सीमा विवाद सुलझाने के प्रयास में लगे हैं.
 
उधर उल्टा चोर कोतवाल को डांटे कि कहावत को चरितार्थ करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत पर ही आरोप जड़ दिया कि भारतीय सेना ने सिक्किम सेक्टर पर सीमा का उल्लंघन कर चीन में घुसपैठ की.
 
जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक वक्तव्य में साफ तौर पर कहा कि  चीनी सेना की इन गतिविधियों से वह चिंतित है और रोड बनाने की चीनी मंश से यथापूर्वस्थिति में बड़ा परिवर्तन आयेगा, जिससे भारत की सुरक्षा पर गंभीर और दूरगामी परिणाम होंगे. इस मसले पर भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के बीच बातचीत जारी है. 20 जून को नाथू-ला में हुई बॉर्डर मीटिंग में भी इस बारे में बातचीत हुई थी. 
 

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