RRB Group D Result 2019: रेलवे बोर्ड ने ग्रुप डी भर्ती के रिजल्ट में कई बड़ी गड़बड़ी सामने आई हैं. कई उम्मीदवारों को तो 100 में से 111 नंबर मिले हैं. इस भर्ती में 1 करोड़ 80 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे. यह भर्ती परीक्षा 17 सितंबर से 17 दिसंबर के बीच कई चरणों में कराई गई थी.
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे की ग्रुप डी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी हो चुका है. 62 हजार 907 पदों पर रेलवे ने इस भर्ती की घोषणा की थी जिसमें करीब 2 करोड़ लोगों ने आवेदन भेजे थे. रेलवे की यह परीक्षा 17 सितंबर से लेकर 17 दिसंबर तक कई चरणों में आयोजित कराई गई थी. काफी लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रिजल्ट आया लेकिन ऐसा कि देखकर कई उम्मीदवार तो अपना सिर पकड़ कर बैठ गए. अब 100 में से 111 नंबर आपको मिल जाएंगे तो आपका भी सिर चकरा ही जाएगा. हालांकि इसकी एक वजह नॉर्मलाइजेशन भी हो सकती है लेकिन इस पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे के रिजल्ट में गड़बड़ी से काफी संख्या में उम्मीदवार नाराज हो गए हैं. छात्रों का कहना है कि परीक्षा में कई छात्रों को 100 से भी अधिक नंबर मिले हैं किसी को 100 में से 111 नंबर मिले हैं. यहां तक की किसी को तो 148 तक भी नंबर दिए गए हैं.
वहीं इस परीक्षा में बिहार के पटना के एग्जाम सेंटर पर बैठने वाले 200 बच्चों में से करीब 80 लोग सलेक्ट हुए हैं. इनमें कई रोल नंबर तो आगे पीछे लगातार भी हैं. हम ये बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि परीक्षा में 1 करोड़ 80 लाख उम्मीदवार शामिल हुए, जबकि भर्ती सिर्फ करीब 63 हज़ार पदों पर निकाली गई थी. औसत निकालें तो 300 में से एक उम्मीदवार के चुने जाने का हिसाब सामने आता है लेकिन पटना के इस सेंटर के 200 में से 80 उम्मीदवारों का निकलना कुछ धांधली के शक को और मजबूत कर रहा है. हालांकि रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, ना ही नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर कुछ कहा है.
क्या है नॉर्मलाइजेशन
दरअसल कई चरणों में आयोजित परीक्षा का हर दिन अलग- अलग प्रश्न पत्र आता है. इनमें कोई कठिन होता है तो कोई आसान. छात्र इस बात का विरोध भी कई बार कर चुके हैं. छात्रों की शिकायत होती है कि उन्हें तय समय सीमा के अनुसार ज्यादा कठिन पेपर दिया गया, जबकि दूसरी सेट में आसान प्रश्न पत्र दिया गया. ऐसे में सरल पेपर मिलने वाले उम्मीदवारों को फायदा मिल जाता है. ऐसे स्थिती को देखते हुए फिर नॉर्मलाइजेशन फॉर्मुला लगाया जाता है.
नॉर्मलाइजेशन के तहत पेपर कितना मुश्किल है, उसका स्तर तय किया जाता है. जिसके आधार पर अंक निर्धारित किए जाते हैं. जैसे मान लीजिए एग्जाम के पहले दिन कठिन पेपर मिला, इसमें अगर कोई 80 नंबर ले आया तो उसके 100 मान लिए जाएंगे. जबकि दूसरे दिन मिला पेपर सरल था इसलिए उनमें से किसी उम्मीदवार को अगर 100 नंबर मिलते हैं तो उन्हें 80 मान लिया जाएगा.
हालांकि रेलवे की भर्ती परीक्षा के रिजल्ट में अगर नॉर्मलाइजेशन लगाया गया है तो उसके आधार पर बढ़ाए गए 30, 40 और किसी-किसी के 50 से अधिक नंबर समझ से बाहर हैं. फिलहाल जब तक रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर कोई बयान नहीं आता है, तब तक कुछ भी कहना मुश्किल होगा.
CBSE Question Paper Leaked: सीबीएसई बोर्ड पेपर लीक, वीडियो यूट्यूब पर हुआ वायरल
RTE UP Admission 2019-20: आरटीई यूपी में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन जारी, सरकार देगी पूरी फीस