नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिए फैसले में 25 हफ्ते की गर्भवती महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी. कोर्ट का ये फैसला मेडिकल बोर्ड की उस सिफारिश के बाद लिया गया जिसमें कहा गया था कि अगर बच्चा पैदा होता है तो मां को दिमागी सर्जरी करानी होगी साथ ही बच्चा कई गंभीर बिमारियों के साथ जन्म लेगा और उसकी की कई सर्जरी करनी पड़ेगी.
मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी.
गौरतलब है कि गर्भपात नियम के मुताबिक महिला को गर्भपात कराने की अनुमति है लेकिन तब जब डॉक्टर उसे ऐसा करने की सलाह दे. कानून के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान ये जरुरी है कि मां की जान को कोई खतरा ना हो.
अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी गर्भावस्था को लेकर अलग-अलग कानून है. ज्यादातर देशों में 20 हफ्तों के बाद गर्भापात अपराध है. हालांकि स्वीजरलैंड, ग्रेट ब्रिटेन और नीदरलैंड में ऐसा कानून नहीं है.