नई दिल्ली: 35 टन वजनी जंगी टैंक चीन सिक्किम में मौजूद हिन्दुस्तान के बॉर्डर पर ले आया है. खबर ये भी है कि चीनी सैनिक तेजी से तिब्बत में हिन्दुस्तान से लगने वाले बॉर्डर पर जमा हो रहे हैं. चीन ने कैलाश मानसरोवर के यात्रियों को भी जाने से रोक दिया. बदले में भारत ने भी मौके पर 3 हजार सैनिक भेजे हैं और सेना की दो रेजिमेंट की तैयारी का जायजा लिया जा रहा है.
भारत ने तनाव बढ़ता देख चीन के रास्ते नाथुला दर्रे से मानसरोवर यात्रा रोक दी है. चीन के बॉर्डर पर हिंदुस्तान ने सबसे ताकतवर टैंक में से एक T-90 भेजे हैं और सेना प्रमुख विपिन रावत ने खुद उत्तर-पूर्व में हालात का मुआयना किया है. किसी भी समय हालात लक्ष्मण रेखा को पार कर सकते हैं.
हिन्दुस्तान की चिंता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि चीन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने खुलेआम प्रेस कांफ्रेस में धमकी भरे लिहाज में कहा कि भारत को 62 का युद्ध याद रखना चाहिए और चीन उसके बाद लगातार उकसावे की कार्रवाई कर रहा है.
चीन पूरी प्लानिंग से इंडियन बॉर्डर पर अपनी ताकत बढ़ा रहा है. चीन और भारत में अगर खुदा न खास्ते बात आगे बढ़ जाती है जैसा की एक्सपर्ट इशारा कर रहे हैं तो हमारी-उनकी ताकत कैसी है. क्या हालत सचमुच 62 वाले हैं या आज का हिंदुस्तान चीन के किसी दुस्साहस का जवाब उसी की भाषा में देने का कुब्बत रखता है.
चीन ने जिस सिनकिंगटैन टैंक को सिक्किम से लगने वाले भारत के बॉर्डर पर लाया है उसमें 105 एमएम टैंक गन है. 35 एमएम ग्रेनेड लांचर है और 12.7 एमएम की मशीन गन शामिल है. मतलब एक टैंक तीन काम. भारत के T-90 टैंक टैंग गन से लैश है. जिसमें उच्च कोटि का ग्रेनेड लॉन्चर है.
ओवरऑल ताकत देखें तो T-90 भीष्म टैंक चीनी सिनकिंगटैन के मुकाबले ज्यादा ताकतवर तो है लेकिन उसकी मारक क्षमता सनिकिंगटैन जैसी नहीं. चीनी टैंक बेहद हल्का और पहाड़ी इलाकों, घाटियों में दूर तक मार करने वाला है. जबकि T-90 लंबे समय तक मार करने वाला है. पहाड़ी इलाकों में इसके मूवमेंट की एक सीमा है.
अगर हर तरह के तोपों को मिला दें तो टैंक भारत के पास 4426 है, जबकि ड्रैगन के पास 6457. आर्टिलरी ( SPA) यानी सेल्फ प्रोपेल्ड वो भारत के पास 290 है. चीन के पास 1710. रॉकेट प्रोजेक्टर्स भारत के पास 292 है चीन के पास 1770 . वैसे अब युद्ध तोप और आर्टिलरी से कम एयर स्ट्राइक से ज्यादा लड़े जाते हैं.
फाइटर जेट भारत के पास 2102 हैं, जबकि चीन के पास 2955 हैं. फाइटर इंटरसेप्टर जिसकी अब लड़ाई के दौरान अहम भूमिका होती है वो भारत के पास 676 हैं जबकि चीन के पास 1271. अटैक एयरक्राफ्ट भारत के पास 809 हैं चीन के पास 1385. ट्रान्सपोर्ट एयरक्राफ्ट जो जिसे गेमचेंजर माना जाता है वो भारत के पास 857 हैं जबकि चीन के पास 782. हेलीकॉप्टर भारत के पास 666 हैं, चीन के पास 912. अटैक हेलीकॉप्टर हिन्दुस्तान के पास 16 हैं चीन के पास 206.
डोकलाम यानी भूटान, चीन और हिन्दुस्तान का जो ट्राइजंक्शन है. मतलब तीनों देश का कम्बाइन्ड बॉर्डर है वहां हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं. हालात को देखते हुए हिन्दुस्तान ने अपनी और फौज मौके पर भेजी है. भारत की 3 हजार सेना पहले यहां मौजूद है. ये फौज नॉन कॉम्बैटिव मोड में रहेंगे. नॉन कॉम्बैटिव मोड का मतलब होता कि फौज की बंदूकें जमीन की तरफ होंगी.
चीन की सेना यानी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने भी डोकलाम में अपनी 141 वीं यूनिट से और सैनिक भेज दिए हैं . ये पूरा विवाद चुंबी घाटी में हो रहा है. जहां से भारत का सिलिगुड़ी गलियारा सिर्फ 50 किलोमीटर दूर है. चीन ने बॉर्डर पर 12 नए एयरस्ट्रिप यानी हवाई पट्टी बनाए हैं.
चीन और हिन्दुस्तान का 3488 लंबा बॉर्डर है. जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल तक. अभी हाल में ही तिब्बत के ही नियांग्चि एयरपोर्ट पर चीन ने छठा टर्मिनल खोला है. कहा जा रहा है कि इसे मिलिट्री परपस के लिए रिजर्व रखा गया है. ऐसे ही दाओचेंग एयरपोर्ट पर हाल ही में चीन ने अपने J-20 फाइटर जेट को छिपा कर रखा था. दाओचेंग को ही डायछेंग के नाम से भी जाना जाता है.
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