पणजी: मॉब लिंचिंग यानी भीड़ के हाथों हो रही हत्या के चलती घिरी मोदी सरकार का बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बचाव किया है और कहा कि विरोध करना फैशन-सा हो गया है. शाह ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में 2011 से 2013 के बीच लिंचिंग की घटनाएं ज्यादा हुई थीं. लेकिन तब सवाल नहीं उठे और अब सरकार को घेरा जा रहा है.
‘कांग्रेस के दौर में सवाल नहीं उठे’
शाह ने कहा कि हाल ही में हुई घटनाओं को मैं कम करके नहीं आंकना चाहता और न ही किसी घटना की तुलना करना चाहता हूं. मैं इस मामले पर काफी गंभीर हूं लेकिन साल 2011, 2012 और 2013 में भीड़ द्वारा हत्या के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे. उन्होंने कहा कि हमारे तीन साल में इतनी लिंचिंग घटनाएं नहीं हुई हैं जितनी एक-एक साल में हुई हैं. मगर तब ये सवाल कभी नहीं उठा लेकिन यह गौर करने वाली बात भी है.
‘फैशन बन गया है धरना’
दो दिन के गोवा के दौरे पर आए अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद जिस तरह से सवाल उठाए जाते हैं, उनका फैशन बन गया है. यूपी में मोहम्मद अखलाक की मौत हो गई, वहां सरकार समाजवादी पार्टी की थी, धरने प्रदर्शन दिल्ली में हुए. क्या फैशन है ? उन्होंने कहा कि देश में किसी भी तरह का डर का माहौल नहीं है, इस तरह की घटनाओं के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार हैं.
गोवा में बीफ बैन पर बोले अमित शाह
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने कभी भी गोवा में बीफ बैन नहीं लगाया यह 1976 में पिछली सरकार द्वारा लगाया गया था लेकिन किसी ने कांग्रेस से इस बारे में नहीं पूछा. गोवा में पिछले 15 सालों से हमारी सरकार है लेकिन वहां अल्पसंख्यकों को किसी तरह की समस्या नहीं है. बल्कि राजनीती के लिए अल्पसंख्यकों और पार्टी के बीच डर को पैदा किया जा रहा है.
कश्मीर मुद्दे पर बोले अमित शाह
कश्मीर मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि टीवी चैनलों और अखबारों में जिस तरह खबरें आ रही है उससे ऐसा लगता है कि कश्मीर हमारे हाथों से निकल गया लेकिन ऐसा है नहीं. साल 1989 से कश्मीर में असंतुलन की स्थिती बनी हुई है. आप लोगों को लगता है कि कश्मीर पर हमारा काबू नहीं है लेकिन ऐसा न कभी हुआ है और न कभी होगा. सेना बहुत जल्द इन स्थितियों पर काबू पा लेगी.