लड़की को हिजाब पहनने की सजा, नहीं देने दी गई मेडिकल परीक्षा

नई दिल्ली. ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) की परीक्षा में एक मुस्लिम लड़की को सिर्फ इसलिए परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया क्योंकि उसने अपना  हिजाब उतारने से इनकार कर दिया था. लखनऊ की 20 साल की एक मुस्लिम छात्रा को टेस्ट में बैठने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उसने परीक्षा नियमों के […]

Advertisement
लड़की को हिजाब पहनने की सजा, नहीं देने दी गई मेडिकल परीक्षा

Admin

  • July 26, 2015 10:43 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) की परीक्षा में एक मुस्लिम लड़की को सिर्फ इसलिए परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया क्योंकि उसने अपना  हिजाब उतारने से इनकार कर दिया था.

लखनऊ की 20 साल की एक मुस्लिम छात्रा को टेस्ट में बैठने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उसने परीक्षा नियमों के मुताबिक हिजाब उतारने से मना कर दिया था.  

लड़की ने कहा है कि वह बचपन से हिजाब पहन रही है और इस परीक्षा में ना बैठने के बाद भी उसकी डॉक्टर बनने की उम्मीद खत्म नहीं हुई है. लड़की ने कहा है कि उसे एक साल खराब होने का कोई दुख नहीं है.

केरल में नन को भी स्कार्फ की वजह से नहीं देनी दी परीक्षा-

केरल की रहने वाली एक ईसाई महिला को ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट परीक्षा उसके स्कार्फ के कारण नहीं बैठने दिया गया. महिला ने अपना स्कार्फ हटाने से मना कर दिया था जबकि परीक्षा के नियमों के मुताबिक किसी को भी स्कार्फ पहनने की अनुमति नहीं दी गई थी.

घटना तिरुअनंतपुरम में जवाहर सेंट्रल स्कूल की है सिस्टर फ़ेबा नाम की महीला ने इस परीक्षा को छोड़ दिया. फेबा ने कहा, ‘मैं पूरी जांच के लिए तैयार थी और मुझे परीक्षा में बैठने दिया जाना चाहिए था. जांच के बाद मैं अंदर कुछ भी नहीं ले जा पाती. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मुझे अनुमति नहीं दी गई.’

इससे पहले सीबीएसई ने नियम बनाए थे कि  व्यक्ति कोई गहने, स्कार्फ़, नकाब, गैजेट, घड़ियां या जूते पहन कर परीक्षा हॉल में नहीं जा सकेगा.

 

Tags

Advertisement