लखनऊ: कांवड़ यात्रा से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फरमान पर बवाल खड़ा हो गया है. सीएम योगी ने कांवड़ यात्रा के रास्ते में आने वाले वाले गूलर के पेड़ों को काटने-छांटने का आदेश दिया है. उनके मुताबिक गूलर का पेड़ अशुभ होता है.
उत्तर प्रदेश सरकार का एक अजीबोगरीब फरमान पर पूरे देश में बहस का मुद्दा बन गया है. दरअसल ये फरमान है ही कुछ ऐसा. शुक्रवार को कांवड़ यात्रा पर हुई बैठक में सीएम योगी ने आदेश दिया कि गूलर जैसे अपवित्र माने जाने वाले पेड़ों की छंटाई करा दी जाए. उनके मुताबिक गूलर की छाया कांवड़ियों के लिए अशुभह होगी.
हालांकि, गूलर का पेड़ शुभ होता है या अशुभ इस पर जानकारों की राय अलग-अलग है. धर्म-कर्म के कुछ जानकारों की मानें तो गूलर के पेड़ की छांव में बैठने पर आधा पुण्य पेड़ के हिस्से में चला जाता है लेकिन इसका कोई धार्मिक आधार नहीं है.
शायद ऐसी ही धारणाओं के आधार पर योगी सरकार ने कांवड़ियों के रास्ते में पड़ने वाले गूलर जैसे सारे पेड़ों को काटने-छांटने का फरमान जारी कर दिया. धर्म के कई जानकारी गूलर को पवित्र बता रहे हैं. यही नहीं, सावन में पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई को भी सही नहीं मानते.
योगी सरकार के इस फरमान के बाद उस पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल इस बात को लेकर उठ रहा है कि सरकार का काम प्रशासन को चलाना है या फिर ये तय करना कि क्या शुभ है और क्या अशुभ?
बता दें कि इससे पहले कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की गाड़ी कौआ बैठ जाने पर उन्होंने नई फॉर्च्यूनर तक का ऑर्डर दे डाला. दरअसल सीएम बंगले के बाहर खड़ी उनकी कार पर कौआ बैठ गया और कांव-कांव करने लगा. जिसके बाद उसे भगाने की काफी कोशिश की गई, लेकिन सभी नाकाम रहे. इसके बाद सीएम के करीबियों ने इसे अपशगुन बता दिया. उसके बाद आनन-फानन में 35 लाख की नई फॉर्चूनर की ऑर्डर दे दी गई.