13 Point Roaster Protest: देशभर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 13 पॉइंट रोस्टर का जमकर विरोध हो रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 200 पॉइंट सिस्टम को बहाल किया जा सके ताकि अनुसूचित जाति/जनजाति और ओबीसी वर्ग के प्रोफेसरों और उम्मीदवारों के साथ अन्याय न हो.
नई दिल्ली. अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति और ओबोसी के लिए यूनिवर्सिटी में आरक्षण के नए 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम के खिलाफ मंगलवार को कई संगठन आज विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बवाल के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार 200 पॉइंट रोस्टर के पक्ष में है और हम इसे जरूर देंगे. जावड़ेकर ने कहा कि आखिरी कैबिनेट मीटिंग और दो दिन का इंतजार कीजिए, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों को न्याय जरूर मिलेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा, 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम के तहत यूनिवर्सिटी को एक यूनिट माना जाता है.
लेकिन हाई कोर्ट ने इसके खिलाफ फैसला देकर विभाग को एक यूनिट माना. हम इसके खिलाफ हैं, लिहाजा हमने रिव्यू पीटिशन फाइल की है, ताकि यह खारिज हो जाए. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी समुदाय को न्याय जरूर मिलेगा क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार सामाजिक न्याय के साथ खड़ी है. पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक रवैए का भले ही सरकार को फायदा मिलता दिख रहा हो, लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर अगर उसने कोई कदम नहीं उठाया तो उसे नुकसान भी झेलना पड़ सकता है.
मोदी सरकार चुनाव से पहले ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग की नाराजगी झेलना नहीं चाहेगी. नरेंद्र मोदी सरकार की बुधवार (6 मार्च) को आखिरी कैबिनेट मीटिंग है. लिहाजा इसमें उच्च शिक्षण संस्थाओं में एससी/एसटी और ओबीसी की रिजर्वेशन पॉलिसी में सुधार लाने के लिए अध्यादेश भी लाया जा सकता है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके खिलाफ स्पेशल लीव पीटिशन भी दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी को खारिज कर दिया.
इसके बाद सभी यूनिवर्सिटीज में 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू हो गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के सही ठहराया था. यूजीसी ने नियुक्तियों में आरक्षण को लेकर दो अहम बदलाव किए थे. पहला 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम की जगह 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू किया गया. दूसरा जो रिजर्वेशन पहले यूनिवर्सिटी लेवल पर मिलता था. वह अब विभागीय स्तर पर दिया जाएगा.