Phalguna Amavasya 2019: कल यानी 5 मार्च को शाम 7 बजे से लेकर परसो 6 मार्च की रात 9:35 तक फाल्गुन अमावस्या 2019 है. इस दिन का काफी धार्मिक महत्व है. इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो आपके सारे पाप कट जाएंगे और जीवन में खुशहाली आएगी. फाल्गुन अमावस्या के दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. फाल्गुन अमावस्या के दिन लोग अपने पूर्वजों का तर्पण या श्राद्ध भी करते हैं और कामना करते हैं कि उनपर पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहें.
नई दिल्लीः Phalguna Amavasya 2019 Date: हिंदी कैलेंडर में फाल्गुन या फागुन महीने का काफी महत्व है. इस महीने जहां एक तरफ हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार होली आता है, वहीं इस महीने एक और दिन का लोग लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं, वह है फाल्गुन अमावस्या 2019. इस दिन को हिंदू धर्म में काफी लाभकारी और खुशियों भरा माना जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. इस दिन लोग अपने पूर्वजों का तर्पण या श्राद्ध भी करते हैं.
इस साल फाल्गुन अमावस्या 5 मार्च यानी मंगलवार को शाम 7 बजकर 8 मिनट पर शुरू होगा और अगले दिन यानी 6 मार्च को रात 9 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगा. यहां एक बात बताना जरूरी है कि अगर फाल्गुन अमावस्या सोमवार, मंगलवार, गुरुवार या शनिवार को पड़ता है तो इसका लोगों की जिंदगी पर सूर्य ग्रहण से भी ज्यादा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. मालूम हो कि फाल्गुन अमावस्या का काफी धार्मिक महत्व है, इसलिए इस दिन गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में नहाने से काफी लाभ होता है और जीवन में शांति आती है.
फाल्गुन अमावस्या को क्या करें, क्या न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या 2019 के दिन लोग व्रत रखते हैं और नियमित पूजा-पाठ करते हैं. इस दिन पूर्वजों को खुश करने के लिए पूजा-पाठ कराए जाते हैं. फाल्गुन अमावस्या के दिन कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें.
– सुबह उठने के बाद दैनिक कार्यों से निवृत होकर गंगा या जो भी पवित्र नदी आपके घर के पास हो, वहां जाकर स्नान करें.
– फाल्गुन अमावस्या के दिन गरीबों को दान करें. ऐसा करने से आपके पूर्वज खुश होंगे.
– इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के पास सरसो तेल का दीया जलाएं और पीपल पेड़ का सात चक्कर भी लगाएं. ऐसा करते समय अपने पूर्वजों को याद करें.
– फाल्गुन अमावस्या के दिन रूद्र (शिव भगवान), अग्नि देवता और ब्राह्मणों को उड़द दाल, दही और पूरी के रूप में नैवेद्यम जरूर अर्पण करें. इस प्रसाद को खुद भी खाएं, इससे आपका कल्याण होगा.
– इस दिन महादेव मंदिर जाकर शिव भगवान को गाय का दूध, दही और मधू (हनी) से अभिषेक करें. साथ ही काला तिल भी चढ़ाएं.
– मालूम हो कि अमावस्या को शनि देव का दिन माना जाता है, इसलिए फाल्गुन अमावस्या के दिन शनि देव को नीले रंग का फूल जरूर चढ़ाएं. साथ ही काला तिल, काली उड़द दाल, सरसो तेल, काजल और काला कपड़ा शनि मंदिर में चढ़ाएं.
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