नई दिल्ली: निलंबित पहलवान नरसिंह यादव ने सुशील कुमार को राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त करने का विरोध किया है. उन्होंने इसको लेकर खेल मंत्रालय को भी चिट्ठी भी लिखी. जिसके बाद अब खेल मंत्री सुशील के बचाव में आ गए हैं.
नेशनल पर्यवेक्षक बनाए जाने पर दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार का खेल मंत्री विजय गोयल ने बचाव करते हुए कहा कि देश में खेलों का बढ़ावा मिल सके और एथलीटों की समस्याएं सामने आ सके इसके लिए 12 फेमस एथलीटों को पर्यवेक्षक बनाया गया है. हालांकि गोयल ने साफ किया कि ये 12 पर्यवेक्षकों किसी भी एथलीटों के चयन का अधिकार नहीं रखते हैं. जिसके चलते हितों के टकराव के आरोप बेबुनियाद है.
पक्ष ले सकते हैं
दरअसल, डोपिंग के आरोप में निलंबित चल रहे पहलवान नरसिंह ने सवाल उठाया था कि सुशील राष्ट्रीय पर्यवेक्षक कैसे बन सकते हैं ? क्योंकि वो छत्रसाल स्टेडियम के अपने ससुर के अखाड़े में पहलवान तैयार करने से जुड़े हैं. नरसिंह के मुताबिक सुशील राष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में छत्रसाल के अपने शिष्यों का पक्ष ले सकते हैं. अपने अखाड़े में पहलवानों को प्रशिक्षण देना और राष्ट्रीय पर्यवेक्षक होना हितों का टकराव है.
ये है मामला
बता दें कि रियो ओलंपिक से पहले नरसिंह को डोपिंग के आरोपों के चलते 4 साल के लिए बैन कर दिया था. इसके साथ ही नरसिंह ने सुशील पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक नरसिंह और सुशील के बीच काफी समय से झगड़ा चल रहा है. इसकी शुरुआत पुरुषों के 74 किग्रा भार वर्ग में ओलिंपिक सीट को लेकर हुई थी. जब सुशील ओलिंपिक क्वॉलिफायर्स में भाग नहीं ले पाए थे और वहीं नरसिंह ने भारत को ओलंपिक कोटा दिला दिया था.