नई दिल्ली: भारत में 1 जुलाई को वस्तु एवं सेवाकर (GST) लागू होने वाला है. गुड्स एंड सर्विस टैक्स कानून 30 जून की रात 12 बजे से देश भर में लागू हो जाएगा. आपको बता देते हैं कि इससे आपके जीवन पर क्या असर पड़ेगा.
टेलिफोन बिल
टेलिफोन बिल पर मौजूदा 15 प्रतिशत की बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होने वाला है. इसलिए आपका टेलिफोन बिल बढ़ने वाला है. इसी तरह ब्यूटी पार्लर जाना भी महंगा पड़ेगा.
दोपहिया वाहन
टू-वीइलर सस्ते तो होंगे, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं क्योंकि अभी मोटरसाइकल या स्कूटर पर वैट और एक्साइज ड्यूटी मिलाकर उसकी कुल लागत का 30 प्रतिशत पड़ता है जबकि जीएसटी की दर 28 प्रतिशत होगी.
4 मीटर की लंबाई तक की छोटी कारें
छोटी कारें अच्छी-खासी सस्ती होने वाली हैं क्योंकि इन कारों पर 29 प्रतिशत जीएसटी लगना है जबकि अभी इन पर 40 प्रतिशत टैक्स लग रहा है. वहीं, लग्जरी कारों के दाम भी घटेंगे क्योंकि जीएसटी में ज्यादा-से-ज्यादा 43 प्रतिशत (28 प्रतिशत जीएसटी और 15 प्रतिशत सरचार्ज) टैक्स लगेगा जबकि अभी इन पर 46 प्रतिशत टैक्स देना पड़ रहा है.
फ्लाइट टिकट
हवाई जहाज में इकॉनमी क्लास के टिकट थोड़े सस्ते होंगे क्योंकि मौजूदा 5.60 प्रतिशत टैक्स की जगह जीएसटी में 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा. लेकिन, बिजनस क्लास के टिकट महंगे होने जा रहे हैं क्योंकि अभी इन पर 8.40 प्रतिशत टैक्स लग रहा है जबकि जीएसटी में यह बढ़कर 12 प्रतिशत हो जाएगा.
स्मार्टफोन
अगर आप 30 जून के बाद मोबाइल खरीदते हैं तो आपको 1.5 प्रतिशत कम टैक्स देना होगा. यानी, 1 जुलाई से स्मार्टफोन सस्ते होने वाले हैं.
कन्ज्यूमर ड्युरेबल्स
कन्ज्यूमर ड्युरेबल आइटम्स पर जीएसटी में कोई राहत नहीं मिलने वाली. अभी इन सामानों पर 25 से 26 प्रतिशत टैक्स लगता है जबकि जीएसटी में 2 प्रतिशत ज्यादा टैक्स देना होगा.
पोशाक
1,000 रुपये से कम कीमत के कपड़ों पर टैक्स में कोई बदलाव नहीं होगा. इन पर मौजूदा 5 प्रतिशत की दर ही लागू रहेगी. लेकिन, कीमती पोशाक महंगे होंगे क्योंकि अभी इन पर 8 प्रतिशत टैक्स लगता है जबकि जीएसटी में 12 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
प्रॉपर्टी
पजेशन के लिए तैयार प्रॉपर्टी पर अभी की तरह ही सिर्फ स्टांप ड्यूटी देनी होगी, लेकिन अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी खरीदने पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा. अभी निर्माणाधीन मकानों पर 6 प्रतिशत सर्विस टैक्स और वैट लगते हैं.
कोचिंग क्लास
जीएसटी में कोचिंग क्लासेज महंगे हो जाएंगे क्योंकि अभी इन पर 15 प्रतिशत टैक्स लगता है जो जुलाई से बढ़कर 18 प्रतिशत होने जा रहा है.
सिनेमा, थिअटर, केबल और डीटीएच सर्विस
1 जुलाई से मनोरंजन के ये सारे साधन सस्ते होने जा रहे हैं क्योंकि इन पर अधिकतम 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी राज्य सरकारों की ओर से लगाए जा रहे एंटरटेनमेंट टैक्स से कम ही होगा. मसलन, महाराष्ट्र में अभी 35 प्रतिशत मनोरंजन कर वसूला जा रहा है.
दवाइयां
जीएसटी में दवाइयों की कीमतें भी घटेंगी क्योंकि इन पर अभी 14 प्रतिशत टैक्स लग रहा है जो घटकर 12 प्रतिशत रह जाएगा.
बैंकिंग
बैंकिंग सर्विसेज महंगी होने जा रही हैं क्योंकि अभी इन पर 15 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है जबकि जीएसटी में 18 प्रतिशत टैक्स तय हुआ है. यानी, 1 जुलाई से डिमांड ड्राफ्ट, फंड ट्रांसफर जैसी सेवाएं महंगी पड़ेंगी. इसी तरह, टर्म पॉलिसीज, एंडोमेंट पॉलिसीज और यूलिप्स आदि के इंश्योरेंस प्रीमियम भी महंगे होंगे.
रेल टिकट
1 जुलाई से फर्स्ट, सेकंड और थर्ड एसी के टिकट थोड़े महंगे होने जा रहे हैं. उपनगरीय रेल सेवाओं के फर्स्ट क्लास टिकट पर भी थोड़ा ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे.
घर के बाहर भोजन
75 लाख रुपये से कम के सालाना टर्नओवर वाले रेस्तरांओं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगना है. इसका मतलब है कि यहां भोजन करना पहले से थोड़ा सस्ता होगा. दूसरी ओर, बिना एयर कंडीशनवाले रेस्तराओं में भोजन करना थोड़ा महंगा पड़ेगा क्योंकि पहले इनपर 6 प्रतिशत वैट लगता था, लेकिन अब जीएसटी की दर 12 प्रतिशत हो जाएगी.
जहां तक बात एयर-कंडीशन वाले रेस्तरांओं की है तो यहां भी भोजन थोड़ा महंगा होने का ही अनुमान है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा. हालांकि, यहां खाने पर अब भी सर्विस टैक्स और वैट दोनों लगते हैं.