Sushma Swaraj in OIC Meet: सुषमा स्वराज ने इस्लामिक देशों के संगठन की बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने बैठक की विशिष्ट अतिथि के रूप में लोगों को संबोधित किया. इस बैठक में सुषमा स्वराज के जाने के कारण पाकिस्तान ने हिस्सा लेने से मना कर दिया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इस बैठक में नहीं पहुंचे.
नई दिल्ली. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस्लामिक देशों के संगठन की बैठक में हिस्सा लिया. उन्हें बतौर विशिष्ट अतिथि इस बैठक में बुलाया गया था. उन्होंने इस बैठक में कहा कि 2019 बेहद महत्वपूर्ण साल है. इस साल भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है. उन्होंने कहा, भारत हर धर्म का सम्मान करता है और भारत कई देशों के साथ मिलकर काम करता है. ओआईसी में यूएन के चौथाई देश और मानवता के भी चौथाई देश शामिल हैं. हममें से कई देशों ने उपनिवेशवाद का अंधकार देखा है.
उन्होंने बैठक में कहा, मैं ऐसे राष्ट्रों के सहयोगियों से जुड़ने के लिए सम्मानित हूं जो एक महान धर्म और प्राचीन सभ्यताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. मैं यहां उस भूमि के प्रतिनिधि के रूप में खड़ी हूं जो ज्ञान का पहाड़, शांति का प्रतीक, विश्वास और परंपराओं का स्रोत, कई धर्मों का घर और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. हम में से कई ने एक ही समय में स्वतंत्रता और आशा की किरण को देखा, हम अपनी गरिमा और समानता की तलाश में एकजुटता के साथ खड़े हुए हैं.
#WATCH live from Abu Dhabi: EAM Sushma Swaraj addresses the OIC conclave as the Guest of Honour.. https://t.co/ZL3wreLDXj
— ANI (@ANI) March 1, 2019
सुषमा स्वराज ने आतंकवाद के खिलाफ कहा, आतंकवाद जीवन को नष्ट कर रहा है, क्षेत्रों को अस्थिर कर रहा है और दुनिया को महान संकट में डाल रहा है. आतंक बढ़ रहा है और बेहद तेजी से बढ़ रहा है. मैं अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 1.3 बिलियन भारतीयों की तरफ से शुभकामनाएं लेकर आई हूं जिनमें 185 मिलियन मुस्लिम भाई और बहन शामिल हैं. हमारे मुस्लिम भाई और बहन भारत की विभिन्न्ता को दर्शाते हैं.
उन्होंने कहा, प्रत्येक मामले में आतंकवाद धर्म की विकृति से प्रेरित है. आतंक के खिलाफ लड़ाई किसी भी धर्म के खिलाफ टकराव नहीं है. जिस तरह इस्लाम का मतलब शांति है, अल्लाह के 99 नामों में से कोई भी हिंसा का मतलब नहीं है. वास्तव में हर धर्म शांति के लिए खड़ा है. भारत ने हमेशा स्वीकारा है और बहुलवाद को स्वीकारना आसान पाया है क्योंकि यह सबसे पुराने संस्कृत धार्मिक द ऋग्वेद में कहा गया है कि ‘एकम सत विप्र बाहुधा वधंति’, जिसका अर्थ है ईश्वर एक है लेकिन विद्वान लोग उनका कई तरीकों से वर्णन करते हैं.
उन्होंने मुस्लिमों और इस्लाम को लेकर कहा कि वो लोग अपने विचारों पर चलते हैं और एक दूसरे के साथ और अपने गैर-मुस्लिम भाइयों के साथ सद्भाव से रहते हैं. यह विविधता और सह-अस्तित्व की सराहना है जिसने यह सुनिश्चित किया है कि भारत में बहुत कम मुसलमान कट्टरपंथी और अतिवादी विचारधाराओं के दुष्प्रचार के शिकार हुए हैं.
उन्होंने कहा, मैं महात्मा गांधी की धरती से आई हूं जहां हर प्रार्थना का अंत शांती के आह्वान के साथ होता है जिसका मतलब है सभी के लिए शांती. मैं स्थिरता, शांति, सद्भाव, आर्थिक विकास और आपके और दुनिया के लोगों की समृद्धि के लिए हमारी शुभकामनाएं, समर्थन और एकजुटता व्यक्त करती हूं. यदि हमें मानवता बचानी है तो जो देश आतंकवादियों को छत और फंड देते हैं उन्हें हमे बताना होगा कि उन्हें आतंकियों के कैंप नष्ट करके अपने देशों में स्थित आतंकियों को फंड्स और छत देने वाले संगठनों को बंद करना होगा.