नई दिल्ली. देश के नेता बड़े बड़े मंचों से बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा देते हैं, लेकिन अगर सिर्फ नारों से बेटियों की तकदीर संवर सकती तो बरसों पहले संवर चुकी होती. नारे और सच्चाई में ज़मीन आसमान का अंतर है. दिल्ली से महज़ 250 किलोमीटर दूर बरेली में 8 गावों की सैकड़ों बच्चियां मनचलों के डर से स्कूल नहीं जाती.
नई दिल्ली. देश के नेता बड़े बड़े मंचों से बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा देते हैं, लेकिन अगर सिर्फ नारों से बेटियों की तकदीर संवर सकती तो बरसों पहले संवर चुकी होती. नारे और सच्चाई में ज़मीन आसमान का अंतर है. दिल्ली से महज़ 250 किलोमीटर दूर बरेली में 8 गावों की सैकड़ों बच्चियां मनचलों के डर से स्कूल नहीं जाती.
शोहदों के डर से बच्चियां अपने घरों में कैद हैं. दरअसल, यहां की छात्राओं का आरोप है कि स्कूल जाने के वक्त गांव के कुछ मनचले उनके साथ बदतमीजी करते हैं और पुलिस भी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है. इन लड़कियों को स्कूल जाने के लिए एक नदी को पार करना पड़ता है. इन लोगों का आरोप है इस दौरान लड़के छेड़खानी और अश्लील हरकतें करते हैं.