चीन का कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नाथुला दर्रे का रास्ता खोलने से इनकार, वापस लौटे 50 यात्रियों का जत्था

चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए शिवभक्तों के पहले जत्थे के लिए नाथुला दर्रे का रास्ता खोलने से इनकार कर दिया है. 50 यात्रियों का ये जत्था सिक्किम में नाथूला से कैलाश मानसरोवर जाने वाला था, खबरों के मुताबिक करीब एक हफ्ते तक इंतजार के बाद ये यात्री शेरथांग और गंगटोक लौट आए हैं.

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चीन का  कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नाथुला दर्रे का रास्ता खोलने से इनकार, वापस लौटे 50 यात्रियों का जत्था

Admin

  • June 23, 2017 4:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए शिवभक्तों के पहले जत्थे के लिए नाथुला दर्रे का रास्ता खोलने से इनकार कर दिया है. 50 यात्रियों का ये जत्था सिक्किम में नाथूला से कैलाश मानसरोवर जाने वाला था, खबरों के मुताबिक करीब एक हफ्ते तक इंतजार के बाद ये यात्री शेरथांग और गंगटोक लौट आए हैं.
 
चीनियों ने कहा है कि उन्होंने तिब्बत में लैंड स्लाइड की वजह से ऐसा किया है लेकिन इस बात की संभावना भी है कि इसका संबंध भारत और चीन के बीच बिगड़े रिश्तों से है.
 
 
दो रास्ते हैं कैलाश मानसरोवर के
चीन में स्थित कैलाश मानसरोवर तीर्थ के लिए दो रास्तों का उपयोग किया जाता है. सिक्किम से होकर नाथुला दर्रे से होकर तिब्बत के जरिए जाने वाला रास्ता अपेक्षाकृत आसान है. दूसरा रास्ता उत्तराखंड से होकर जाता है जो काफी कठिन है. साल 2013 में आई भयंकर बाढ़ से ये रास्ता पूरी तरह तबाह हो गया था. चीन की इस हरकत के चलते कई श्रद्धालुओं को वापस लौटना पड़ा है.
 
 
चीन से चल रही है बातचीत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्त गोपाल बागले ने बताया कि नाथू ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वालों के सामने समस्या खड़ी हो गई है. इस मुद्दे पर चीन के साथ बातचीत चल रही है. वहीं सिक्कीम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मुद्दे पर बात की थी.
 
 
चीन ने किया था आश्वस्त
बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वस्त किया था कि भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए नाथुला दर्रे का उपयोग करने दिया जाएगा. नाथूला कारास्ता 2015 में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए खोला गया था. नाथू को पार करने के बाद, भारतीय तीर्थयात्रियों को चीनी गाड़ियों से कैलाश ले जाया जाता है.

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