नई दिल्ली: पाकिस्तान में पल रहे आतंक पर अमेरिका नकेल कसने की तैयारी में है. आने वाले वक्त में पाकिस्तान की सरजमी पर एक बार फिर अमेरिकी ड्रोन गरजेंगे और चुन चुन कर दहशतगर्दों को निशाना नाएंगे. अमेरिका आतंक के मोर्चे पर ही नहीं बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान की कमर तोड़ने का प्लान कर रहा है.
पाकिस्तान अमेरिका के इस ड्रोन हमले को भूला नहीं होगा. तहरीके तालिबान के कुख्यात आतंकी बैतुल्लाह मसूद को अमेरिका के ड्रोन से छूटी मिसाइल ने उस वक्त मार गिराया था. जब वो अपनी दूसरी बीवी के साथ ससुराल में छत पर मौजूद था. चार बेटियों की चाहत में बैतुल्लाह ने दूसरी शादी की थी लेकिन एक झटके में आतंकी बैतुल्लाह की सारी हसरतें खाक हो गई थी.
पाकिस्तान पर नकेल कसने के लिए अमेरिका ने प्लान D तैयार कर लिया है. पाकिस्तान में आतकवाद को लेकर डोनाल्ड ट्रंप बेहद कड़ा रुख अख्तियार करने की तैयारी में है. डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के पैंतालिसवें राष्ट्रपति के रूप में इसी साल जनवरी में शपथ ली है. ट्रंप ने आते ही ये साफ कर दिया था कि वो आतंकवाद को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे. इस धरती से इस्लामिक आतंकवाद को मिटा कर ही दम लेंगे.
पाकिस्तान आतंक की नर्सरी है. साल 2001 में पेंटागन में वर्लड ट्रेड सेंटर पर हुए 9/11 के हमले में तकरीबन 3 हजार अमेरिकीयों की मौत हुई थी. तब अमेरिका के तत्कालीन प्रेसिंडेट जॉर्ज बुश थे लेकिन अमेरिका ने इस हमले का बदला लिया. 10 साल बाद 2 मई 2011 को हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन का खात्मा कर लिया.
अमेरिकन फर्स्ट का नारा देने वाले डोनाल्ड ट्रंप को मालूम है कि ये वही पाकिस्तान है जिसने ओसामा बिन लादेन को अपनी सरजमी यानि पाकिस्तान के एबोटाबाद में छिपाकर रखा था. अमेरिका की भीख पर पलने वाला पाकिस्तान अमेरिका का भी सगा साबित नहीं हुआ.
इतना ही नहीं डॉक्टर अफरीदी जिसने ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में अमेरिका की मदद की थी पाकिस्तान ने उसे अभी तक तहखाने में बंद कर रखा है. ऐसे में पाकिस्तान पर किस लिहाज से अमेरिका भरोसा करेगा. ये खुद पाकिस्तान को सोचना चाहिए.
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