मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने राजर्षि छत्रपति साहू महाराज छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया है. अब इस योजना का लाभ कृषि और उससे संबंधित विषयों की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी देने का फैसला किया है. इस योजना का लाभ दिव्यांग छात्रों को देने के लिए प्राप्तांक के मौजूदा नियम को शिथिल बनाने का भी फैसला लिया गया.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राजर्षि छत्रपति साहू महाराज ट्यूशन फीस छात्रवृत्ति योजना के तहत उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और औषधि शिक्षा के साथ-साथ अब कृषि, पशुसंवर्धन, दुग्ध व्यवसाय एवं मत्स्य व्यवसाय विभाग से पढ़ाई करने वाले कमजोर और पिछड़े वर्ग के छात्रों, जिनका चयन केंद्रीय परीक्षा प्रक्रिया से हुआ है, इसलिए इनको भी शिक्षण शुल्क में मदद देने का फैसला लिया गया.
आमदनी का दायरा भी बढ़ा
बैठक में योग्य छात्रों के माता-पिता की आमदनी का दायरा बढ़ाकर उन लोगों के बच्चों को भी छात्रवृत्ति का लाभ देने का फैसला किया गया जिनकी वार्षिक आमदनी छह लाख रुपए तक है. इस योजना के विस्तार का फैसला राज्य सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में लिया था. इसके अलावा 10वीं और 12वीं के दिव्यांग छात्रों की योग्यता के लिए 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गयी है.
सीधे बैंक एकाउंड में जमा होगा पैसा
आर्थिक रूप से कमजोर तबके के डिप्लोमा धारक विद्यार्थियों का चयन व्यवसायिक शिक्षा के डिग्री कोर्स में सीधे दिया जाएगा, ऐसे छात्रों के लिए दसवीं की परीक्षा में कम से कम 60 फीसदी अंक की जगह डिप्लोमा कोर्स की अंतिम साल की परीभा में कम से कम 50 फीसदी अंक अनिवार्य कर दिया गया. साथ में पात्र विद्यार्थियों को बिना किसी विलंब या बाधा के छात्रवृत्ति मिलती रहे इसके लिए उनके बैंक खाते को आधार नंबर से जोड़ा जाएगा और छात्रवृत्थि सीधे उनके खाते में जमा कर दी जाएगी. इसके लिए विद्यार्थियों को कुछ शर्तों को पूरा करना होगा.