Rahul Gandhi intracts with Students: राहुल गांधी ने आज नई दिल्ली में विश्विद्यालय के छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब दिए. छात्रों के सवालों पर राहुल गांधी ने ये भी बताया कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर वो देश में क्या-क्या बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं जिनका फायदा छात्रों को मिलेगा.
नई दिल्ली. शनिवार को राहुल गांधी ने नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में छात्रों को संबोधित किया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई विश्वविद्यालयों से आए छात्रों के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने आने वाले लोकसभा चुनाव और नरेंद्र मोदी सरकार के बारे में भी चर्चा की. राहुल गांधी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज अर्धसैनिक बलों को शहीद का दर्जा नहीं मिलता. लेकिन, कांग्रेस की सरकार आयेगी तो उन्हें शहीद का दर्जा मिलेगा.
उन्होंने कहा, ‘पिछले 5 साल में सरकार ने 15-20 उद्योगपतियों का साढ़े 3 लाख का बैंक कर्ज माफ किया है. लेकिन जब किसानों ने अपना कर्जा माफ करने के लिये कहा तो सरकार ने मना कर दिया. भारत में संपत्ति का केन्द्रीकरण हो रहा है। हम मूल रूप से इसके खिलाफ हैं. सारा काम 15-20 उद्योगपतियों के लिये ही किया जा रहा है. सोच स्पष्ट है कि सरकार शिक्षा पर पैसा नहीं लगाना चाहती. सरकार चाहती है कि शिक्षा पर पैसा छात्र लगायें और निजीकरण के जरिये इससे 15-20 उद्योगपतियों को ही मदद मिले. हमारा मानना है कि सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में मदद करनी चाहिए.’
LIVE: Congress President @RahulGandhi at an interaction with university students from Delhi. #YoungIndiaRising https://t.co/d1QmWBKS9A
— Congress (@INCIndia) February 23, 2019
उन्होंने कहा, ‘आज विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद पर एक संगठन की विचारधारा के लोग बैठाये जा रहे हैं. वो चाहते हैं कि हिंदुस्तान की शिक्षा प्रणाली उनका औजार बन जाए. जब मैं कहता हूं कि सरकार को शिक्षा के लिए मदद करना चाहिए, तो इसका मतलब है कि बैंक कर्ज को आसान बनाना, छात्रवृत्ति, अधिक विश्वविद्यालयों को जोड़ना, नामांकन को आगे बढ़ाना. अगर आप इनके आंकड़ों को देखें, तो भाजपा राज में इनमें गिरावट आई है.’
बेरोजगारी पर राहुल गांधी ने कहा, ‘जब आप भारत, अमेरिका और यूरोप के देशों को देखेंगे तो सबसे बड़ी समस्या नौकरियों की हैं. इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा, यही कारण है कि गुस्सा बढ़ रहा है और दक्षिणपंथी संगठन उस गुस्से का इस्तेमाल कर रहे हैं. हमारी सरकार मानना ही नहीं चाहती कि नौकरियों का संकट है.’ युवाओं के लिए उन्होंने कहा, ‘इस देश के युवा ही वास्तव में इस देश को प्रगति की ओर ले जाने में सक्षम हैं. मैं उत्तर पूर्वी राज्यों में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़ाने के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं. मैं शिक्षा के सख्त ढांचे में विश्वास नहीं करता. हमें अपने छात्रों को सशक्त बनाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री जो कहते हैं उसकी अनुभूति पूरे सिस्टम में जाती है. यदि प्रधानमंत्री नफरत के माहौल की निंदा करें और भाईचारे, प्यार का संदेश दें तो नफरत का माहौल अपने आप ठंडा हो जायेगा.’