नई दिल्ली : 72 हूरें मिलने का ख्वाब दिखाकर बगदादी ने आतंक की दुनिया बसाई थी. इन्हीं हूरों की ख्वाहिश में ना जाने कितने ही नौजवान आतंकिस्तान पहुंच गए थे, लेकिन एक रोज हूरें खुद आसमान से उतर आईं और फिर ISIS की दुनिया को जलाकर राख कर दिया. वो हूरें जिन्हें पाने के लिए आईएसआईएस आतंकी खुशी-खुशी मरने को तैयार थे.
आइसिस आतंकियों का मानना था कि अगर बगदादी के लिए लड़ते हुए मारे गये तो सीधे जन्नत पहुंचेंगे. जहां 72 हूरें उनका इंतजार कर रही हैं. अब हूरों के पास आइसिस आतंकियों को पहुंचाने का काम पुतिन ने कर दिया. दरअसल सीरिया के रक्का शहर में रूस ने व्हाइट फॉस्फोरस से हमला कर दिया है. यह एक ऐसा रसायन है जिसके हमले से दुश्मन का बचना नामुमकिन माना जाता है. दुश्मन सबसे बुरी मौत मारा जाता है.
रूस के इसी हवाई हमले में आइसिस की दुनिया खाक हो गई क्योंकि जो काम अमेरिका लंबे वक्त से नहीं कर पाया था उसे पुतिन ने कर दिखाया. रूसी आर्मी के दावे पर यकीन करें तो उसने आइसिस को जड़ से उखाड़ फेंका है.
रूस ने दावा किया है कि 28 मई को सीरिया के रक्का शहर में एक हवाई हमला किया गया था, इसमें करीब ISIS के 30 टॉप कमांडर, 300 आतंकी मारे गए थे. इसमें आईएस का टॉप कमांडर यानी अबु बकर अल बगदादी मारा गया.
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