lok sabha 2019 Elections: कार्निज एन्डॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस थिंक-टैंक में साउथ एशिया प्रोग्राम में डायरेक्टर और सीनियर फेलो मिलन वैष्णव के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति और कांग्रेशियल चुनावों में 6.5 बिलियन डॉलर खर्च हुए थे. वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में ही 5 बिलियन डॉलर का खर्चा हुआ था, जिससे साफ है कि इस बार 2019 लोकसभा चुनाव में खर्च दोगुना होगा.
वॉशिंगटन. लोकसभा 2019 चुनाव भारत का सबसे महंगा चुनाव होगा. इतना ही नहीं यह किसी भी लोकतांत्रिक देश में होने वाले सबसे महंगे चुनावों में से एक होगा. यह दावा एक अमेरिकी एक्सपर्ट ने किया है. 17वीं लोकसभा के गठन के लिए भारतीय चुनाव आयोग जल्द ही तारीखों का ऐलान करेगा.
कार्निज एन्डॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस थिंक-टैंक में साउथ एशिया प्रोग्राम में डायरेक्टर और सीनियर फेलो मिलन वैष्णव ने कहा, ”अमेरिकी राष्ट्रपति और कांग्रेशनल चुनावों पर 2016 में 6.5 बिलियन डॉलर खर्च हुए थे. 2014 लोकसभा चुनावों में अनुमानित 5 बिलियन डॉलर खर्च किए गए तो 2019 लोकसभा चुनाव में आंकड़ा इससे बहुत ज्यादा होगा, जिससे यह दुनिया का सबसे महंगा चुनाव बन जाएगा. ”
पिछले कुछ वर्षों में वैष्णव भारतीय चुनावों में फंडिंग को लेकर एक अहम आवाज बन गए हैं. शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक कार्निज एन्डॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के लिए वैष्णव ने लिखा, ”2019 चुनाव का नतीजा क्या होगा, यह फिलहाल मालूम नहीं है. लेकिन यह भारतीय इतिहास या शायद किसी लोकतांत्रिक देश का सबसे महंगा चुनाव होगा.” 2014 के लोकसभा चुनाव में 5 बिलियन डॉलर खर्च हुए थे. शायद इस बार खर्च दोगुना हो.
वैष्णव ने कहा कि भारत में राजनीतिक योगदान को लेकर पारदर्शिता शून्य है. यह पता लगाना नामुमकिन है कि किसने किस नेता या पार्टी को चंदा दिया या किसी नेता को अपने चुनावी फंड के लिए पैसा कहां से मिला. उन्होंने कहा, कुछ दानकर्ता अपने राजनीतिक चंदे को सार्वजनिक करना चाहते हैं लेकिन उन्हें अपनी पसंदीदा पार्टी के सत्ता में नहीं आने का डर रहता है.