जूनागढ़ : गिर के जंगल में पहले कभी नहीं बनी हो ऐसी घटना पहली बार हुई है और एशियाई शेरो का एक मात्र घर गिर का जंगल वन कर्मचारियों से बिलकुल खाली हो गया है और जंगली जानवर भगवन के भरोसे हो गए है.
क्या है वन कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने की वजह
वन विभाग के अधिकारियों ने एक रेंज फोरेस्टर यानि RFO को बिना वजह ससपेंड कर दिया जिस कारण वन विभाग के सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. वह अपना काम छोड़कर जूनागढ़ में अनशनपर उतर गए है. अनशन पर बैठे ये कर्मचारी कोई और नहीं बल्कि एशियाई शेरों की रखवाली करने वाले वन कर्मी हैं. सस्पेंड करने की वजह यह थी की कनेरिया ने गिर जंगल में अवैध लाइन शौ करने वाली एक गैंग को पकड़ लिया था और केस करके दंड वसूला था.
इस घटना के बाद आरोपी भरत कलसारिया जहर खाने का नाटक करके अस्पताल में भर्ती हो गया जिस वजह से राजनीती गरमा गई और वन विभाग के अला अधिकारियों ने RFO को ससपेंड कर दिया. ससपेंड करने के बाद वन कर्मचारी इकट्ठा हो गए और अनशन पर उतर गए है. पूरा जंगल खली हो गया है और जंगल और शेरों की रखवाली के लिए कोई भी नहीं है.
गुजरात वन रक्षक यूनियन के प्रमुख प्रवीण सिंह चौहान का कहना है की जबतक RFO कनेरिया का सस्पेंशन वापस नहीं लिया जाएगा तबतक जंगल में ड्यूटी पर कोई नहीं जाएगा. वैसे तो गिर का जंगल अकेला ऐसा जंगल है जिस में बब्बर शेर रहते है और यह जंगल एशियाई शेरों के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता है. इस आंदोलन में ट्रेकर्स, वायरलेस ऑपरेटर, जंगल में पानी की कुण्डी भरनेवाले कर्मी, जंगल के बॉर्डर के रस्ते की चेक पोस्ट के कर्मी, सभी RFO,फोरेस्टर, गार्ड और स्वीपर से लेकर अधिकारी तक हड़ताल पर उतर गए है.
इस बिच अगर कोई शेर या तेंदुवा किसी कुवे में गिर गया होगा तो उस बचने वाले भी कोई नहीं क्यों की दुनिया की सबसे व्यस्त रेस्क्यू टीम की लीडर प्रसिद्द महिला कर्मी रसीला वाढेर भी काम छोड़कर अनशन पर उतर गई है.