किसान आंदोलन के समर्थन में आज से 72 घंटे के सत्याग्रह पर बैठेंगे सिंधिया

मध्य प्रदेश किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया आज से 72 घंटे के सत्याग्रह पर बैठेंगे. सिंधिया राजधानी भोपाल के टीटी नगर में सत्याग्रह पर बैठेंगे. वहीं हिंसा में मृत किसानों के परिजनों से मिलने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान मंदसौर पहुंच गए हैं.

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किसान आंदोलन के समर्थन में आज से 72 घंटे के सत्याग्रह पर बैठेंगे सिंधिया

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  • June 14, 2017 6:58 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
भोपाल : मध्य प्रदेश किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया आज से 72 घंटे के सत्याग्रह पर बैठेंगे. सिंधिया राजधानी भोपाल के टीटी नगर में सत्याग्रह पर बैठेंगे. वहीं हिंसा में मृत किसानों के परिजनों से मिलने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान मंदसौर पहुंच गए हैं.
 
सिंधिया के साथ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सत्याग्रह पर बैठेंगे. ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार को किसानों के परिवार वालों से मिलने के लिए मंदसौर जा रहे थे लेकिन उन्हें रास्ते में ही पकड़ लिया गया था. पुलिस ने उन्हें रतलाम जिले में जावरा टोल नाके पर रोक लिया.
 
पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि बाद में सिंधिया, कांतिलाल भुनिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को रिहा कर दिया गया. मंदसौर जा रहे सभी कांग्रेसी नेताओं को मंगलवार के दिन धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सिंधिया ने राज्य सरकार पर लोकतंत्र का हनन करने का आरोप भी लगाया है.
 
शिवराज ने भी किया था उपवास
वहीं सीएम शिवराज भी मध्य प्रदेश में शांति बहाली के लिए उपवास पर बैठे थे उन्होंने 48 घंटे बाद किसानों की अपील के बाद नारियल पानी पीकर उपवास तोड़ा था.
 
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मंदसौर जाकर पीड़ित किसानों से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि चार घंटे बाद ही उन्हें जमानत भी दे दी गई थी. जिसके बाद राहुल ने राजस्थान बॉर्डर पर पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात की थी. 
 
क्या है मामला?
बता दें कि राज्य में 6 जून को मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी और छह अन्य किसान घायल हो गये थे. इसके बाद किसान भड़क गये और किसान आंदोलन समूचे मध्यप्रदेश में फैल गया तथा और हिंसक हो गया. 

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