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देखिए, पेशावर में दिलीप कुमार के पैतृक घर की क्या हो गई हालत!

नई दिल्ली: दिलीप कुमार को कभी पाकिस्तान ने अपने सबसे बड़े अवॉर्ड निशान ए इम्तियाज से नवाजा था. दिलीप कुमार जैसे चुनिंदा भारतीय हैं जिनको पाकिस्तान में भी उतना ही प्यार मिलता है. लेकिन पाकिस्तानी सरकार दिलीप कुमार को लेकर कितनी संजीदा है उसकी कलई उनके पैतृक घर की हालत इन तस्वीरों में देखकर पता […]

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  • June 13, 2017 8:03 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: दिलीप कुमार को कभी पाकिस्तान ने अपने सबसे बड़े अवॉर्ड निशान ए इम्तियाज से नवाजा था. दिलीप कुमार जैसे चुनिंदा भारतीय हैं जिनको पाकिस्तान में भी उतना ही प्यार मिलता है. लेकिन पाकिस्तानी सरकार दिलीप कुमार को लेकर कितनी संजीदा है उसकी कलई उनके पैतृक घर की हालत इन तस्वीरों में देखकर पता चलती है. 
 
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक ये घर अब पूरी तरह ढह चुका है, छत भी टूट चुकी है, मलवा घर के अंदर ही पड़ा है, बावजूद इसके कि कई पाकिस्तानी हुक्मरानों ने इसको नेशनल हेरिटेज बनाने का वायदा किया था.
 
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1922 में पेशावर के मोहल्ता खुदादाद के किस्सा खवानी बाजार के इस खानदानी घर में दिलीप कुमार यानी युसुफ का जन्म हुआ था. दिलीप कुमार के पिता फलों का बिजनेस करते थे, वर्ल्ड वॉर के दौरान बिजनेस करने में दिक्कतें आईं तो दिलीप कुमार पुणे चले गए और फलों की दुकान खोल ली. जहां उनकी मुलाकात देविका रानी से हुई और जब आर्मी कैंटीन से फलों की खरीदी बंद हो गई तो दिलीप कुमार को वो बिजनेस भी बंद करना पड़ा और तब वो देविका रानी से मिले, ऐसे हुई उनकी फिल्मी दुनियां में एंट्री. 
 
जबकि उनके बचपन के दोस्त राज कपूर अपने पिता के साथ पहले ही मुंबई आकर अपनी किस्मत आजमा रहे थे. बाद में दिलीप कुमार ने अपना पूरा परिवार ही मुंबई बुला लिया था. दो भाइयों और कई बहनों के साथ दिलीप कुमार पाली हिल के बंगले में रहने लगे. ऐसे में पाकिस्तान के पेशावर वाला घर उन्होंने बेचा नहीं.
 
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दिलीप कुमार के चले जाने के बाद ये घर वीरान हो गया, बीच में कब्जे की भी कोशिशें हुईं, लेकिन चूंकि दिलीप कुमार बड़े स्टार बन चुके थे. तो इस घर पर पाक मीडिया की भी नजरें रहने लगीं. लेकिन सरकारी अधिकारी लगातार इसे नेशनल हेरिटेज बनाने की की बात तो करते रहे लेकिन कभी भी जमीन पर कोई काम होता नहीं दिखा. कागजों पर उनका काम अभी भी चल रहा है. दिलीप कुमार के साथ साथ कपूर हवेली के लिए भी, वो बड़े बड़े दावे करते रहे हैं. हकीकत इन तस्वीरों में हैं. 
 
इतना ही नहीं सालों से इस घर को स्टोर की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था, आसपास के दुकान वाले अपना कुछ भी कबाड़ा यहां रख रहे थे, लेकिन धीरे धीरे वो अनसेफ होता चला गया तो उसको डम्पिंग ग्राउंड बना दिया गया. अब पाकिस्तान की सरकार उसे दोबारा बनाने की बात कर रही है. जबकि दिलीप कुमार लगातार बाजपेयी के साथ मिलकर पाकिस्तान के साथ शांति के फॉरमूले पर भी काम करते रहे.
 
हालांकि दिलीप कुमार का मुंबई वाला घर भी विवादों में है. बहनों की शादी के बाद दिलीप कुमार सायरा के साथ एक नए बंगले में शिफ्ट हो गए. उनके दोनों भाइयों ने अब उन पर केस कर रखा है. दिलीप कुमार के दोनों भाई उनके साथ पाली हिल बंगल में रहते थे, उनका दावा है कि ये पिता की कमाई से खरीदा गया था. भाइयों के आरोपों के मुताबिक जब दिलीप कुमार सायरा निवास बंगले में शिफ्ट हुए तो पाली हिल वाले बंगले की जगह ऊंची बिल्डिंग बनाने की योजना बनाई. 
 
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भाइयों से वायदा किया कि उनको 1200 स्क्वायर फुट और 800 स्क्वायर फुट के दो फ्लैट मिलेंगे, और जब तक ये फ्लैट नहीं मिल जाते बिल्डर उन्हें साठ हजार रुपए महीने देगा. जब ना बिल्डिंग बनी और ना पैसा मिला तो भाइयों ने दिलीप कुमार पर केस करके उन्हें लीगल नोटिस भेज दिया, केस अभी कोर्ट में है. दिलीप कुमार और सायरा इसे घर की बात कहकर इस पर कोई भी कमेंट करने से बचते रहे हैं.
पेशावर के इस घर के बारे में दिलीप कुमार ने अपनी बायोग्राफी Substance and Shadow में भी लिखा था और इस घर के गेट का एक फोटो भी उसमें है.
 
 दिलचस्प बात ये है कि 2014 में पाकिस्तान के आर्कियोलॉजी विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें दिलीप कुमार के घर को नेशनल हेरिटेज घोषित किया गया. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की इस रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान मे दिलीप कुमार के चाहने वाले सक्रिय हो गए हैं, पाकिस्तानी सरकार पर दवाब बना रहे हैं. बॉलीवुड या भारतीय सरकार की तरफ से भी इस तरह का दवाब जरूरी है ताकि दिलीप कुमार से जुड़ी इस विरासत को नए सिरे से सहेजने के प्रयास हो सकें.
 

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