नई दिल्ली: इंडिया न्यूज शो प्रश्नकाल में आज हम योगी सरकार द्वारा किए गए वादों की बात करेंगे. हम आपको सिर्फ लखनऊ की कोई एक सड़क नहीं दिखा रहे हैं. बल्कि यूपी के शहर-शहर लेकर चलने वाले हैं. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में लेकर चलेंगे. मेरठ की हालत दिखाएंगे दिल्ली से सटे नोएडा की हालत दिखाने वाले हैं.
सरकार डंके की चोट पर कह रही थी कि 15 जून तक सड़कों पर गड्ढे खोज-खोज कर भर देंगे. लेकिन ये क्या यहां तो विधानसभा से एक किलोमीटर दूर ही इतना बड़ा गडढ़ा. ख़ैर अब राजधानी लखनऊ में ही दूसरी सड़क पर चलिए इन दो ग्राउंड रिपोर्ट दिखाने का एक खास मतलब है.
ये कि यूपी में सड़कों पर गड्ढे भरने का काम तूफानी तरीके से हुआ जरूर है. लेकिन ज्यादातर ये शहरों में हुआ. शहरों में भी उन सड़कों के लिए ज्यादा हुआ जो वीवीआईपी हैं. गलियों या गांव को जोड़ने वाली सड़क पर ध्यान कम दिख रहा है. स़डक ऐसी सुविधा है जिससे हर आम और खास का वास्ता पड़ता है.
नेता भी ये जानते हैं इसीलिए किसी जमाने में लालू यादव ने बिहार की सड़कों को हेमामालिनी के गालों की तरह बनाने के वादे किए थे. योगी जी यूपी में आए तो उन्होंने भी वादा कर दिया. लेकिन वादा करने और सड़कों के गड्ढे भरने में बड़ा अंतर होता है. लखनऊ से ग्राउंड रिपोर्ट तो आपने देख ली.
अब जरा मेरठ और बनारस की सड़कों पर कितने गड्ढे भरे गए है वो देख लीजिए. इसकी जांच करने संवाददाता रजनीश चौहान खुद सड़कों पर निकले है. ये मोहनपुरी –फुलबाग रोड है. मेरठ की कुछ अहम सड़कों में से एक. इस सड़क पर क्या गड्ढे भर दिए गए. लेकिन ऐसा नहीं है कि मेरठ में सड़कों पर गड्ढे भरने का काम नहीं हुआ है.