राज्यसभा में आज ललित मोदी विवाद एवं मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले को लेकर हंगामे के कारण सदन की बैठक को तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सरकार तुरंत चर्चा चाहती थी और उसका कहना था कि विपक्षी सदस्यों को कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी की कथित रूप से मदद करने के कारण विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एवं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा व्यापमं घोटाले को लेकर आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
नई दिल्ली. राज्यसभा में आज ललित मोदी विवाद एवं मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले को लेकर हंगामे के कारण सदन की बैठक को तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सरकार तुरंत चर्चा चाहती थी और उसका कहना था कि विपक्षी सदस्यों को कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये पूर्व आईपीएल आयुक्त ललित मोदी की कथित रूप से मदद करने के कारण विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एवं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा व्यापमं घोटाले को लेकर आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
इन मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उप सभापति पी जे कुरियन ने पहले 15 मिनट और फिर 20 मिनट के लिए दोपहर बारह बजे तक सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया. इससे पहले बैठक शुरू होने पर बसपा के सतीशचंद्र मिश्र, सपा के नरेश अग्रवाल, भाकपा के डी राजा और कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने उप सभापति से कहा कि उन्होंने ललित मोदी विवाद और व्यापमं घोटाले पर कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है. इन सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए.
सत्ता पक्ष के नेता अरूण जेटली ने इस पर कहा कि व्यापम का मामला राज्य का विषय है. यदि सदन में किसी राज्य के विषय को उठाने की अनुमति दी जाती है तो हम केरल, हिमाचल प्रदेश, असम एवं गोवा जैसे राज्यों के विषयों को भी चर्चा के लिए उठाएंगे. उन्होंने कहा कि जब कल आसन की ओर से विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की अनुमति दी जा चुकी है तो विपक्षी सदस्य इन पर चर्चा क्यों नहीं शुरू कर रहे हैं. जेटली ने कहा कि सदन में सुषमा स्वराज के मुद्दे पर फौरन चर्चा कराई जानी चाहिए.