Pulwama Terror Attack CRPF: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद होने वाले 37 सीआरपीएफ कर्मियों में उत्तर प्रदेश के 12 सपूत हैं. वहीं बिहार के 2 और राजस्थान के 3 लाल भी देश की रक्षा में शहीद हो गए. इस घटना से लोगों में काफी गुस्सा है और वे सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए ये सवाल भी कर रहे हैं कि आखिरकार कब तक इन जाबांजों का खून बहता रहेगा?
नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले में 37 जवानों की मौत पर पूरे देश में गुस्से का माहौल है. नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान घटी आतंकी घटनाओं में यह सबसे भयावह है. वहीं पिछले 40 वर्षों के दौरान सेना पर हुए हमले में यह सबसे बड़ा है. पुलवामा हमले में जान गंवाने वालों में से सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के सपूत हैं, जिन्होंने देश ले लिए अपनी जान की बाजी लगा दी. वहीं बिहार के 3 लाल और राजस्थान के 3 सपूत हैं. पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के भी सीआरपीएफ जवान पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की इस भयावह आतंकी हमले की भेंट चढ़ गए. कई जवान तो ऐसे थे, जो छुट्टी मनाकर वापस ड्यूटी को लौटे थे.
गुरुवार शाम घटी इस भयावह घटना के बाद से ही नरेंद्र मोदी सरकार के कई मंत्रियों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और वे गुनहगारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कर रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात की है. वहीं, देशभर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं कि आखिरकार कब तक देश के रक्षकों का खून जाया होता रहेगा और कब गुनहगारों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी कि वे दोबारा भारत के सीने पर जख्म देने से पहले लाख बार सोचेंगे.
पुलवामा आतंकी हमले में यूपी से सबसे ज्यादा जांबाज शहीद हुए. इसमें आगरा के कौशल कुमार यादव, उन्नाव के अजीत कुमार, कानपुर देहात के श्याम बाबू, चंदौली के अवधेश कुमार, प्रयागराज के महेश कुमार, शामली के प्रदीप कुमार प्रजापति और अमित कुमार, देवरिया के विजय कुमार मौर्य, वाराणसी के रमेश यादव, महाराजगंज के पंकज त्रिपाठी, मैनपुरी के राम वकील और कन्नौज के प्रदीप सिंह समेत अन्य शहीद हो गए.
उरी के बाद सेना को टारगेट कर पुलवामा में किए गए इस हमले में बिहार के भी दो जवान शहीद हो गए. इनमें पटना के संजय कुमार सिन्हा और भागलपुर के रतन ठाकुर हैं. वहीं राजस्थान स्थित कोटा के हेमराज मीणा, धौलपुर के भागीरथ सिंह और शाहपुरा के रोहिताश लांबा भी इस आतंकी हमले का शिकार हो गए. इन शहीदों के परिजन गुस्से और गम की आग में जल रहे हैं और इंसाफ मांग रहे हैं.
मालूम हो कि गुरुवार की शाम पुलवामा के अवंतिपोरा स्थित नैशनल हाइवे पर सीआरपीएफ का काफिला जा रहा था. काफिले में 70 से ज्यादा गाड़ियां थीं, जिसमें करीब 2600 जवान थे. इसी काफिले पर आतंकियों ने पहले ग्रेनेड अटैक किया और फिर 350 किलो आईईडी से भरी स्कॉर्पियो को काफिले में घुसाकर ब्लास्ट कर दिया. बाद में आतंकियों ने जवानों पर गोलीबारी भी की. इस हमले में 37 जवान शहीद हो गए, वहीं 40 से ज्यादा घायल हो गए.
Jammu & Kashmir: Mortal remains of CRPF personnel who lost their lives in #PulwamaAttack yesterday, at CRPF camp in Budgam. pic.twitter.com/h4XoD5tC7o
— ANI (@ANI) February 15, 2019