SBP Sinha on Rafale Deal Allegations: राफेल डील में भ्रष्टाचार निरोधी नियम हटाने को लेकर एयर चीफ मार्शल एसबीपी सिन्हा ने किया चौंकाने वाला खुलासा

SBP Sinha on Rafale Deal Allegations: राफेल मुद्दे को लेकर द हिंदू अखबार में रोज नए खुलासे किए जा रहे हैं. सभी खुलासों के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाए जाते हैं. इन्हीं आरोपों को नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से खारिज कर दिया जाता है. एक बार फिर सरकार पर लगे आरोपों पर एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने सफाई दी है.

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SBP Sinha on Rafale Deal Allegations: राफेल डील में भ्रष्टाचार निरोधी नियम हटाने को लेकर एयर चीफ मार्शल एसबीपी सिन्हा ने किया चौंकाने वाला खुलासा

Aanchal Pandey

  • February 11, 2019 5:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. राफेल विमान खरीद सौदे के लिए भारत और फ्रांस के बीच करार हुआ. इसी करार के दस्तावेजों को आधार बनाकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. द हिंदू अखबार के एडिटर के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार ने राफेल सौदे के दौरान घोटाले किए थे. इस पर भारत की ओर से राफेल समझौता वार्ता के प्रमुख रहे एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने सफाई दी है. एसबीपी सिन्हा का कहना है कि राफेल के सभई दस्तावेजों में से कुछ नोट्स ही चुने जा रहे हैं ताकि एक बात को साबित किया जा सके. सच्चाई ये है कि इनमें से कोई भी भारतीय समझौता वार्ता करने वाली टीम से जुड़े नहीं हैं. भारतीय समझौता वार्ता टीम ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सभी 7 सदस्यों से बिना किसी असहमति के साइन करवा कर जमा कर दी थी.

साथ ही एसबीपी सिन्हा ने कहा है कि अभी तक हमने सरकार से सरकार का कॉन्ट्रेक्ट अमेरिका और रूस के साथ किया है. फ्रांस के साथ भारत का सरकार से सरकार कॉन्ट्रेक्ट तीसरा है. इस तरह के नियम किसी भी कॉन्ट्रेक्ट में नहीं थे. दरअसल द हिंदू के एडिटर एन राम ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने राफेल डील सौदे के दस्तावेजों में से भ्रष्टाचार निरोधक नियम ही हटा दिए थे. उनका दावा है कि राफेल डील साइन होने से कुछ दिन पहले ही कॉन्ट्रेक्ट में आठ बदलाव किए गए थे. इनमें से अहम बदलाव थे कि सप्लाई प्रोटोकॉल के अंतर्गत कंपनी के अकाउंट देखने की अनुमति देने वाले नियम और मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) की उन धाराओं को हटा लिया गया था जिनके तहत दलालों और एजेंसियों के इस्तेमाल पर दंड लगाने का प्रावधान था.

वहीं इससे पहले द हिंदू ने ही एक ओर दावा किया था कि रक्षा मंत्रालय की समझौता वार्ता के अलावा भी प्रधानमंत्री कार्यालय से राफेल को लेकर एक समझौता वार्ता फ्रांस की कंपनी के साथ अलग से की गई थी. इन्हीं आरोपों को भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों ने खारिज किया है. सोमवार को इन्हीं आरोपों पर एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने अपना पक्ष रखा है.

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