RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नीतियों में बदलाव किए हैं. इसी के चलते अब आरबीआई ने अपना रेपो रेट कम कर दिया है. 6.5 प्रतिशत के रेपो रेट को कम करके 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है. इसी के साथ होम लोन ब्याज की दरें भी कम हो सकती हैं.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी तीन दिवसीय मौद्रिक समीक्षा बैठक का फैसला सुनाया. आरबीआई ने अपने रेपो रेट में कमी कर दी है. आरबीआई ने इसे 6.5 से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके घोषणा की. रेपो रेट कम होने के कारण अब होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन और लघु उद्योगों की ब्याज दरों में भी कमी आ जाएगी. रेपो रेट कम होते ही कर्ज भी सस्ते हो जाएंगे. आरबीआई बाकि बैंकों को जो उधार देने के लिए दर तय करता है उसे रेपो दर कहते हैं.
इसमें कमी आने से बैंक भी अपने ग्राहकों को इसका फायदा देंगे. पहले भी रेपो दर 6.25 प्रतिशत था जिसे आरबीआई ने 1 अगस्त 2018 को बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया था. आरबीआई गवर्नर ने घोषणा की है कि 2019-20 के लिए जीडीपी प्रक्षेपण 7.4 प्रतिशत है. 2019-20 की पहली छमाही में मुद्रास्फीति की दर 3.2-3.4 प्रतिशत और 2019-20 की तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत अनुमानित है. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति इस बार 4 प्रतिशत के अपने लक्ष्य या उससे नीचे रहेगी. इससे नीति कार्रवाई की आसानी की जा सकती है.
#WATCH RBI Governor addresses the media on Monetary Policy https://t.co/0fPJFbfY8B
— ANI (@ANI) February 7, 2019
आरबीआई ने कोलेट्रल फ्री कृषि लोन को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये करने का फैसला किया है. 60,000 रुपये की ये वृद्धि महंगाई, सीमित कृषि निवेश और छोटे किसानों को मिलने वाले को ध्यान में रखकर की गई है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम कैश की स्थिति की निरंतर निगरानी कर रहे हैं और आवश्यकता के आधार पर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कैश की किसी तरह कि कोई कमी न हो.