पटना: बिहार इंटर आर्ट्स के टॉपर गणेश कुमार पर विवाद शुरू हो गया है. खबरें आ रही हैं गणेश झारखंड के गिरिडीह का रहने वाला है और बिहार की इंटरमीडिएट परीक्षा में 250 किमी दूर समस्तीपुर के एक गांव से स्कूल से शामिल हुआ था.
चकहबीब का यह स्कूल समस्तीपुर जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर है. समस्तीपुर से ताजपुर तक तो बस से जा सकते हैं लेकिन वहां से चकहबीब जाने के लिए बाइक या कुछ और पर्सनल इंतजाम करना पड़ता है.
स्कूल भवन की हालत ऊपर फोटो
(साभार- लाइव सिटीज) में देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस स्कूल में कितनी पढ़ाई हो रही होगी. लाइव सिटीज की टीम ने इस स्कूल में पढ़ने वाले आस-पास के तमाम गांवों में पता किया लेकिन गणेश कुमार का कहीं पता नहीं चला.
फिर लाइव सिटीज को स्कूल के सेक्रेटरी जवाहर प्रसाद सिंह मिले तो उन्होंने बताया कि गणेश उनके ही स्कूल का छात्र है. जब पत्रकार ने उनसे गणेश के घर का पता, गांव का नाम पूछा तो सेक्रेटरी साहब फंस गए.
सेक्रेटरी जवाहर प्रसाद सिंह ने बताया कि गणेश स्कूल का रेगुलर स्टुडेंट है और वो समस्तीपुर से क्लास करने आता था. मतलब ये कि समस्तीपुर जिला मुख्यालय के तमाम स्कूल छोड़कर गणेश 22 किलोमीटर दूर स्कूल में दाखिला लेता है और रोज वहां जाता भी है.
लाइव सिटीज ने दावा किया है कि गणेश असल में झारखंड के गिरिडीह का रहने वाला है और बिहार इंटर बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने के लिए उसने अपने मूल शहर से 250 किलोमीटर दूर एक छोटे गांव के स्कूल में दाखिला लिया.
पता नहीं ये मामला क्या रूप लेगा लेकिन अगर गणेश भी अच्छे नंबर लाने के मकसद से इतनी दूर आया था तो टॉपर बनना उसके लिए मुसीबत का सबक साबित हो सकता है और उसके स्कूल के लोगों के लिए भी.
बता दें कि गणेश जैसे बच्चे का टॉपर बनना कोई नई बात नहीं है. पिछले साल हाजीपुर की रहने वाली रूबी कुमारी जिसने आर्ट्स स्ट्रीम में टॉप किया था, उसे अपने सब्जेक्ट के नाम तक ठीक से याद नहीं थे. जिसके बाद से खूब बवाल मचा था और बिहार बोर्ड पर कई सवाल उठे थे.
गौरतलब है कि पॉलिटिकल साइंस में 100 में 91 नंबर लाने वाली रूबी से जब पॉलिटिकल साइंस क्या है, पूछा गया तो उसका जवाब वह नहीं दे पाई थी. इसके अलावा पॉलीटिकल साइंस को ‘प्रोडिकल साइंस’ बोलने के कारण न सिर्फ रूबी का मजाक उड़ा था बल्कि बिहार की पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए थे.