Kerala Fishermen Nobel Prize Nominations: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने नोबल कमेटी को पत्र लिख कर केरल बाढ़ में लोगों की मदद करने वाले मछुआरों के लिए नोबेल पुरस्कार ने नॉमिनेट करने की मांग की है. थरूर ने अपने पत्र में मछुआरों के लिए नोबल शांति पुरस्कार वर्ग में नॉमिनेट करने की मांग की है. बताते चले कि पिछले साल केरल में आई विनाशकारी बाढ़ में लोगों को बचाने में मछुआरों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.
तिरुवनंतपुरम. Kerala Fishermen Nobel Prize Nominations: केरल से सांसद और कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर ने राज्य में पिछले साल आई भीषण प्रलयकारी बाढ़ में लोगों की मदद करने वाले मछुआरों के लिए नोबल पुरस्कार की मांग की है. शशि थरूर ने अपनी मांग के साथ एक पत्र लिखा है. थरूर ने यह पत्र नोबल पुरस्कार देने वाली संस्था नोबल कमेटी के चेयरपर्सन बेरिट रीस एंडरसन को लिखा है. अपने पत्र में थरूर ने लिखा है कि साल 2018 में केरल में आई बाढ़ के दौरान राज्य के मछुआरों ने राहत और बचाव कार्य में अहम योगदान दिया था. लिहाजा उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार दिए जाने के लिए नॉमिनेट किया जाए.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपने पत्र में लिखा है कि बाढ़ के कारण मछुआरों की आजीविका खत्म हो गई है. उनकी आय पर बुरा प्रभाव पड़ा. इसके बाद भी मछुआरों ने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए दिन-रात काम किया. नोबेल कमेटी के पास भेजे अपने पत्र को थरूर ने ट्विटर पर भी शेयर किया है. थरूर की इस पहल की खूब सराहना की जा रही है.
My letter to the Nobel Peace Prize Committee nominating the fishermen of Kerala for this year's Peace Prize in recognition of their courageous service & sacrifice during the #KeralaFloods of 2018: pic.twitter.com/xtPLrTnQBT
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 6, 2019
बता दें कि पिछले साल केरल के लोगों को भीषण प्रलयकारी बाढ़ का सामना करना पड़ा था. केरल में आई इस बाढ़ को पिछले 100 सालों का सबसे बड़ा बाढ़ बताया गया था. बाढ़ के दौरान केरल के मछुआरों ने एनडीआरएफ के साथ मिल कर काम किया था. सामूहिक प्रयास के कारण सैकड़ों लोगों की जान बचाई गई थी. इस बाढ़ के लिए संयुक्त अरब अमीरात ने मदद की पेशकश की थी. लेकिन तब भारत सरकार ने मदद लेने से मना कर दिया था. जिसके लिए केंद्र सरकार को आलोचना का शिकार होना पड़ा था.