इलाहाबाद: योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर फंस गए हैं. आरोप है कि पिछड़ा वर्ग के बघेल ने खुद को अनुसूचित जाति का बताकर टुंडला की रिजर्व सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. बघेल के निर्वाचन को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर कोर्ट ने बघेल को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा है.
बघेल कुछ दिनों पहले तक बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे. कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया है कि बघेल का निर्वाचन रद्द कर टूंडला सीट पर चुनाव कराए जाएं और उनके खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की. कोर्ट ने इस मामले पर बघेल को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा है. अब इस केस की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी.
बघेल पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग होकर SC/ST बताया. यही नहीं उन्होंने चुनाव में फर्जी जाति प्रमाण पत्र भी लगाया है, बघेल ने ये सर्टिफिकेट आगरा से हासिल किया है. बता दें कि बीजेपी से तीन बार सांसद रहे यूपी के औरैया जिले के रहने वाले एसपी सिंह बघेल राष्ट्रीय राजनीति में थे. वह पिछले साल तक नवंबर तक बीजेपी के पिछड़े वर्ग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं.
बघेल पर आरोप है कि एससी के लिए रिजर्व सीट से चुनाव लड़ने के लिए ही उन्होंने खुद को धनगर जाति से बताया, जबकि इससे पहले वह खुद ही अपने आप को बघेल यानी गडरिया जाति का बताकर पिछड़े वर्ग की राजनीति करते आए थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस वीके शुक्ल की बेंच ने इस मामले में सुनवाई के बाद बघेल को नोटिस जारी कर छह हफ्ते में जवाब मांगा है. इस वक्त योगी सरकार में एसपी सिंह बघेल पशुधन, लघु सिंचाई व मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री है.